सोमवारी के मौके पर भीड़ बढ़ जाती है.
इसको देखते हुए बीते रविवार की रात से ही जल चढ़ाने के लिए लोगों की भीड़ पहुंचने लगी थी. बता दें कि पहाड़ के ऊपर मंदिर है और लोग चढ़कर जल चढ़ाने के लिए यहां जाते हैं.इस पूरे मामले में एसडीओ विकास कुमार ने बोला कि इस पर वह थोड़ी देर में आधिकारिक तौर पर कुछ बता पाएंगे. इस प्रश्न पर कि क्या सुरक्षा में कमी थी? इस पर उन्होंने बोला कि रविवार की रात में ज्यादा भीड़ होती है. तीन सोमवारी के बाद ये चौथी सोमवारी थी. हम लोग इसको देखते हुए सतर्क थे. जिस तरह से सिविल, मजिस्ट्रेट, मेडिकल टीम की तैनाती होती है उस तरह से की गई थी. ये दुखद घटना है. आगे की जो प्रक्रिया वो पहले हम लोग कर रहे हैं.घटना के संबंध में प्रत्यक्षदर्शियों का बोलना है कि भगदड़ के बाद श्रद्धालु गिर गए थे. दम घुटने लगा था. एक प्रत्यक्षदर्शी ने प्रशासन पर इल्जाम लगाया. बोला कि लाठीचार्ज करने की वजह से यह दुर्घटना हुई है. एनसीसी के लोग ड्यूटी कर रहे थे. बिहार पुलिस का कोई नहीं था. वहीं जल चढ़ाने के लिए पहुंचे एक और व्यक्ति ने बताया कि पहाड़ पर ऊपर में पुलिस और लोगों में बहस के बाद लाठी चलाई गई तो लोग पीछे की ओर भागने लगे. उसी में यह घटना हो गई है. लोग नीचे की ओर गिरते चले गए.