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'तेजस्वी यादव को कुछ याद दिलाना जरूरी है...', रविशंकर प्रसाद ने इन बड़े नेताओं का नाम लेकर किया खुलासा!


संवाद 


लेटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती को लेकर देश में हंगामा मचा है. हाल ही में 45 पदों को लिए बहाली निकली थी. इसको लेकर केंद्र सरकार ने विवाद के बीच बीते मंगलवार (20 अगस्त) को यूपीएससी को 'लेटरल एंट्री' से संबंधित विज्ञापन वापस लेने का आदेश दे दिया. अब इसका क्रेडिट भी बिहार में तेजस्वी यादव को दिया जा रहा है. इस बीच बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कई बड़े नेताओं का नाम लेते हुए आक्रमण बोला है.मंगलवार (20 अगस्त) को पत्रकारों से बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने बोला, "तेजस्वी यादव को कुछ याद दिलाना जरूरी है. उनके पिता जी मनमोहन सिंह की सरकार में रेल मंत्री थे. मनमोहन सिंह रेवेन्यू सेक्रेटरी, फाइनेंस सेक्रेटरी सीधा बने थे. कहां से आए थे? कोई आईएएस-आईपीएस थे क्या? विजय केलकर बने वित्त सचिव, बाहर से आए थे न.

 पूरे कांग्रेस का इतिहास भरा हुआ है. 

मोंटेक सिंह अहलूवालिया कहां से आए थे? वित्त विभाग के बड़े बड़े सचिव बने वो भी बाहर से आए थे."बीजेपी ने ताना कसते हुए बोला, "तेजस्वी बाबू थोड़ा होमवर्क करना सीखिए. यहां तो हमारे मोदी जी ने स्पष्ट तौर पर बोला कि पिछड़ों के हक पर हम कोई आक्रमण नहीं होने देंगे. उसको कैंसिल किया जो यूपीएससी ने कोशिश की थी. उसी प्रकार से क्रीमी लेयर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बोला कि ये हमे मान्य नहीं है. एससी-एसटी का हम पूरा सम्मान करते हैं. तेजस्वी बाबू क्या आरक्षण पर बोलते हैं. आरक्षण का तो एक मात्र लाभ आपके परिवार को मिलता है."बता दें कि लेटरल एंट्री से 45 पदों के लिए निकली बहाली पर जैसे ही रोक की खबर मंगलवार को आई तो बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आरजेडी के नेता क्रेडिट देने लगे. सांसद मनोज झा ने एक्स पर लिखा, "संविधान के पक्ष में खड़े साथियों आप सबों को बधाई. 7 अगस्त को लेटर एंट्री वाला विज्ञापन आया इसके फौरन बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार को आरक्षण के प्रावधानों को दरकिनार करने से आगाह किया. आज दिनांक 20 अगस्त को सरकार को निर्णय पलटना पड़ा. जय संविधान."

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