अमेठी के अंतर्गत आने वाले आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए गए हैं. आठों रेलवे स्टशनों का नाम स्थानीय पौराणिक स्थलों एवं महापुरुषों के नाम पर रखे गए हैं. वहीं, इस पर अब सियासत गरमा गई है. आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस पर बुधवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ताना कसते हुए बोला कि 'अब ट्रेन समय पर चलेगी, कोई दुर्घटना नहीं होगी, जो लोग भेड़ बकरियों की तरह यात्रा करते हैं वैसा नहीं होगा क्योंकि नाम बदल गया ना. कई बार पीएम और सीएम को सलाह दे चुका हूं कि एक विभाग बना लो और थोक में नाम बदल दो.'असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बयान पर मनोज झा ने बोला कि मुख्यमंत्री क्या, विधायक बनने के लिए भी संविधान की शपथ लेनी पड़ती है.
यह संविधान की जुबान है क्या?
फिज़ा में जब ज़हर घुलता है तो सभी के फेफड़े को खराब करता है. बता दें कि हिमंत सरमा ने मंगलवार को बोला कि वह 'मिया मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे. सरमा विधानसभा में नागांव में 14 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के मद्देनजर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर जिक्र करने के लिए विपक्षी दलों के पेश किए गए स्थगन प्रस्तावों की स्वीकार्यता पर बोल रहे थे. वहीं, इस बयान पर राजनीति गरमा गई है और विपक्ष हिमंत सरमा पर निशाना साध रहा है. इससे अमस के मुख्यमंत्री निशाने पर आ गए हैं.अकबरगंज, गोरखनाथ धाम, कासिमपुर हॉल्ट, वारिसगंज रेलवे स्टेशन, फुरसतगंज रेलवे स्टेशन, बनी रेलवे स्टेशन, निहालगढ़ रेलवे स्टेशन और मिसरौली रेलवे स्टेशन का नाम बदला गया है.