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राजस्थान हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग से लिए एक बेहद चौंकाने वाला आदेश जारी किया है। इसके तहत सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की फोटो लगाने का निर्देश दिया गया है। ऐसा हुआ तो पूरे देश में पहली बार होगा, जब टीचर की फोटो प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर टंगी हुई मिलेगी।
ऐसा खास तरीका स्कैम से बचने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि राज्य में डमी टीचर से जुड़े दो बड़े मामले सामने आए थे, 70 से 90 हजार सरकारी पगार पाने वाले शिक्षक अपनी जगह पर महज 3 हजार देकर दूसरों को पढ़ाने के लिए भेज रहे थे। ऐसे मामलों पर रोक लगाने के फोटो वाला तरीका ढूंढा है।
डमी शिक्षक से जुड़े मामले में सरकार ने कार्रवाई करते हुए दोषी टीचरों से 2 करोड़ रुपए वसूल किए थे। घोटाले से जुड़े दंपत्ति ने 30 साल के करियर में अपनी जगह है दूसरे लोगों को पढ़ाने के लिए रखा था और खुद लाखों की सैलरी रखते थे।
राजस्थान हाई कोर्ट ने जब मामले पर संज्ञान लिया तो उन्होंने शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लिए दिशा निर्देश जारी कर कहा-"स्कूलों में शिक्षकों के फोटो लगाया जाए ताकि बच्चे और उनके परिजन यह समझ सके असली टीचर कौन हैं। इसके अलावा हर महीने बिना तारीख बताएं संदिग्ध स्कूलों में रेड करें ताकि सच सामने आ सके।"
HC ने सुझाव दिया कि जनता के लिए एक वेबसाइट बनाई जाए, जिस पर शिकायत लिखकर शिक्षा विभाग को भेजा जाए। बता दें कि ऐसे दिशा निर्देश को अगले सप्ताह से शिक्षा विभाग लागू करने जा रहा है।
राजस्थान में शिक्षकों की संख्या
राजस्थान में करीब 65000 से भी ज्यादा सरकारी स्कूल है, जहां 60 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। 3 लाख से ज्यादा शिक्षक है। इसके अलावा संविदा पर काम करने वाले भी मौजूद है। सरकारी टीचर्स को तीन कैटेगरी में डिवाइड किया गया है। फर्स्ट ग्रेड,सेकंड ग्रेड और थर्ड ग्रेड शामिल है। इनमें एक सबसे निचली कैटगरी है, जिनमें प्रायमरी टीचर्स है।