बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को जदयू ने फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है. पार्टी के बड़े नेता भी अब इस मांग से कन्नी काट रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और विधान पार्षद भगवान सिंह कुशवाहा ने शुक्रवार को यहां प्रेसवार्ता में विशेष राज्य की मांग पर बोला कि बिहार विभाजन के पहले से पार्टी यह मांग करती रही है. उस समय राज्य की परिस्थितियां विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने लायक थी, लेकिन कतिपय वजहों से यह मांग पूरी नहीं हो सकी. इसके बावजूद पार्टी की यह मांग बनी रही.भगवान सिंह कुशवाहा ने बोला कि पार्टी आज भी यह चाह रही है कि राज्य को विशेष दर्जा मिले, लेकिन बिहार अभी विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के नीति आयोग के मानक पर फिट नहीं बैठ रहा है, हालांकि नीति आयोग में हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह हैं. अब यदि पार्टी विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर जबरदस्ती करेगी तो और भी राज्य मानक के विपरीत विशेष राज्य के दर्जे की मांग करने लगेंगे.
उन्हें आशा है कि भविष्य में मानक बदलेंगे और अनुकूल स्थिति भी आएगी.
उन्होंने बोला कि अभी जो केंद्रीय बजट में 59 हजार करोड़ का विशेष पैकेज मिला है, वह राज्य के केंद्रीय कर के 45 प्रतिशत हिस्से के अतिरिक्त राशि है. साथ ही राज्य सरकार ने भी 2024-25 के चार महीने के अनुपूरक बजट में 47 हजार 512.11 करोड़ का प्रावधान किया है. इन दोनों राशि से राज्य में अधिक से अधिक विकास होगा. विकास की रफ्तार तेज होगी. केंद्र सरकार ने हमारी मांगे मानी, इसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हैं.उन्होंने दावा किया कि अभी यह विशेष पैकेज तो एक झांकी है. 2025 आने दीजिए, केंद्र से इतनी बड़ी राशि बिहार को मिलेगी जिसकी कल्पना नहीं कर सकते हैं. प्रेसवार्ता में जदयू के औरंगाबाद जिलाध्यक्ष व रफीगंज के पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, जदयू जिला मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू एवं जिला जदयू नेता अरविंद कुमार पासवान आदि उपस्थित रहे.