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क्रीमी लेयर पर JDU के मंत्री का बड़ा बयान , महेश्वर हजारी कहे- 'न्यायपालिका से हो इसकी शुरुआत'


संवाद 


सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति रिजर्वेशन को लेकर बड़ा निर्णय सुनाते हुए बोला कि एससी-एसटी में सब कैटगरी को आरक्षण दिया जा सकता है. इस पर अब जेडीयू कोटे के मंत्री महेश्वर हजारी ने बड़ा बयान दिया है. मंगलवार (06 अगस्त) को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बोला कि क्रीमी लेयर की शुरुआत पहले न्यायपालिका से होनी चाहिए. एक ही परिवार के लोग जज बनते आ रहे हैं. हालांकि महेश्वर हजारी ने बोला कि यह पार्टी की राय नहीं है, यह उनकी व्यक्तिगत राय है. उन्होंने बोला कि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति की जो एकता है उसको तोड़ने का प्रयत्न किया जा रहा है.


 एक तरह से संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के सपनों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. 

उन्होंने मांग करते हुए बोला कि न्यायपालिका से क्रीमी लेयर की शुरुआत की जाएबिहार में 65 फीसद तक बढ़ाए गए आरक्षण को तेजस्वी यादव नौवीं अनुसूची में सम्मिलित करने की निरंतर मांग कर रहे हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए महेश्वर हजारी ने बोला कि आरक्षण तो सर्वसम्मति से सदन में पास होकर गया था. हमारी पार्टी की भी मांग है कि नौवीं अनुसूची में इसे सम्मिलित किया जाए. इसके लिए बिहार सरकार कोशिश भी कर रही है. हम भी मांग करते हैं कि नौवीं अनुसूची में जो नया आरक्षण है उसे सम्मिलित किया जाना चाहिए.बता दें कि क्रीमी लेयर के प्रावधान पर देश की कई पार्टियों ने विरोध जताया है. बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो इसका खूब जमकर विरोध किया है. वहीं एनडीए सरकार में शामिल चिराग पासवान ने भी इसका विरोध करके सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कर चुके हैं. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के नेता और बिहार सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी ने अलग मांग कर दी है कि क्रीमी लेयर की शुरुआत न्यायपालिका से की जाए.


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