बिहार में शिक्षा विभाग इन दिनों सख्त है. किसी प्रकार की लापरवाही पर तुरंत एक्शन लिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार के नालंदा अब बड़ा एक्शन हो सकता है. बताया जा रहा है कि नालंदा में 121 स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है. इन सभी स्कूलों ने शिक्षा विभाग के आदेशों का पालन नहीं किया है. ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर छात्रों की एंट्री नहीं करने पर इन स्कूलों को नोटिस भेजा गया है.दरअसल, नालंदा में कुल 639 निबंधित निजी विद्यालय संचालित हैं जिसमें से 121 निजी विद्यालयों की तरफ से ई-शिक्षाकोष पर एक भी छात्र की एंट्री नहीं की गई है. ऐसे में अब नोटिस के बाद संतोषजनक जवाब नहीं पाया गया तो 121 निजी विद्यालयों की मान्यता रद्द हो सकती है. डाटा एंट्री करने को लेकर आज (09 सितंबर) से दो दिन का समय दिया गया था. कहा गया है कि बच्चों की एंट्री हो जाए नहीं तो ऐसे विद्यालयों की स्वीकृति रद्द करने की अनुशंसा कर निदेशालय को चिट्ठी भेज दी जाएगी.
अभी तक 35 फीसद मात्र ही बच्चों की एंट्री की गई है.
ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर डाटा एंट्री करने को लेकर प्राचार्यों को गाइडलाइन का पालन करने के लिए बोला गया है. समग्र शिक्षा डीपीओ कविता कुमारी का कहना है कि निजी स्कूलों के प्राचार्यों की अनदेखी की वजह से डाटा एंट्री नहीं की जा रही है. संभाग प्रभारी को चेतावनी देते हुए बोला कि सभी बच्चों की एंट्री जल्द पूरा करें वरना चिह्नित निजी विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.वहीं डीपीओ ने बताया कि जिले के सरकारी विद्यालयों में करीब 92 फीसद डाटा एंट्री हो चुकी है. सरकारी विद्यालय के एचएम निरंतर डाटा एंट्री अपडेट कर रहे हैं. जिले के निजी विद्यालय में बीते शनिवार तक महज 46 हजार 214 छात्रों की एंट्री की गई है जबकि निजी स्कूल में तकरीबन डेढ़ लाख बच्चे हैं. निजी विद्यालय को आदेश दिया गया है कि जल्द पोर्टल पर इसे अपडेट करें.