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लालू-तेजस्वी की बढ़ सकती हैं परेशानी! 13 सितंबर को आरोपपत्र पर अदालत लेगी संज्ञान


संवाद 


दिल्ली की एक अदालत पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और आठ अन्य के विरुद्ध कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पूरक आरोपपत्र पर 13 सितंबर को संज्ञान ले सकती है. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शनिवार को मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिए तय कर दी. उन्होंने बोला कि इस मामले में ईडी से कोई और स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है.ईडी ने छह अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल की थी. ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी से उपजा है. जांच एजेंसी के अनुकूल , यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के क्रम में मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम-मध्य जोन में ग्रुप-डी में हुई भर्तियों से जुड़ा है. 

इल्जाम है कि रेलवे में भर्ती होने वाले लोगों ने नौकरी के बदले राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को उपहार स्वरूप जमीन दी थी.

 बता दें कि विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने अभियोजन पक्ष की शिकायत (ईडी के आरोप पत्र के समकक्ष) पर निर्देश को 7 सितंबर तक के लिए टाल दिया था, उन्होंने बोला कि कुछ स्पष्टीकरण की जरुरत है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो की दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर अपने मामले दर्ज किए. इस बीच, अदालत ने संघीय एजेंसी को सह-आरोपी लल्लन चौधरी का मौत प्रमाण पत्र दाखिल करने का आदेश दिया था. वहीं, छह अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू, तेजस्वी और 8 अन्य के विरुद्ध पूरक आरोप पत्र दायर किया था. ईडी ने बोला कि आरोपी लल्लन चौधरी की पत्नी ने मृत्यु की पुष्टि की है और उसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पेश की है.

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