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नवादा कांड पर जीतन राम मांझी का विपक्ष पर पलटवार, 2005 के पहले 'डील' वाली वारदात को किया 'डिकोड'


संवाद 



नवादा अग्निकांड मामले को लेकर देश भर में राजनीति जारी है. विपक्ष और सत्ताधारी दल के नेता इस घटना को लेकर एक-दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. इस पूरे कांड में विपक्ष के नेता सबसे अधिक केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी पर निशाना साध रहे हैं. इसी दौरान जीतन राम मांझी ने ना सिर्फ विपक्ष को जवाब दिया है बल्कि 2005 के पहले बिहार में क्या होता था उसको लेकर गंभीर इल्जाम भी लगाए हैं. बीते गुरुवार (19 सितंबर) की शाम जीतन राम मांझी पत्रकारों से बात कर रहे थे.केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आरजेडी के शासनकाल की दिलाई. उन्होंने पत्रकारों से बोला, "विपक्ष को कुछ बोलने का मुंह नहीं है. उन्हें 2005 के पहले की स्थिति को देखना चाहिए. उस समय जब अपराध होता था तो पीड़ित और अपराधी दोनों को एक अणे मार्ग बुलाकर मोल भाव किया जाता था. कहा जाता था दे दो कुछ, बच्चे लोग हैं. भूखे हैं. आज वो बात नहीं है." केंद्रीय मंत्री ने बोला कि नवादा में भूमि विवाद है. 

कोर्ट में भी मामला चल रहा है. 

वहां दो जातियां विशेषकर रह रही हैं. उस जमीन को भू माफिया हड़पना चाहते हैं. केस अभी चल ही रहा है. कब्जा करने वालों को ये लग रहा है कि ये लोग (पीड़ित परिवार) पहले से रह रहे हैं और अनुसूचित जाति से हैं तो जमीन की बंदोबस्ती इनके नाम से हो जाएगी. इसलिए इन लोगों को यहां से भगाओ. पेट्रोल छिड़ककर करीब 40-50 घरों को आरोपितों ने ध्वस्त कर दिया है.उधर दूसरी तरफ जीतन राम मांझी ने इस घटना को लेकर बोला, "एक आदमी की मृत्यु हो गई है. मैंने एसपी और कलेक्टर से बात की है और राहत कार्य जारी है. अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा. मैं 22 सितंबर को मौका-मुआयना करूंगा और मांग करूंगा कि सभी लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिए जाएं.'' हालांकि गुरुवार देर शाम तक प्रशासन की तरफ से किसी व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि नहीं की गई थी.

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