समाज के सबसे पिछड़े वर्ग के लिए काम करना है.
बता दें कि श्याम रजक ने आरजेडी से त्यागपत्र एक शायराना अंदाज में दिया था जो काफी जिक्र में रहा. इशारों-इशारों में उन्होंने लालू यादव पर कटाक्ष किया था. साथ ही आक्रमण बोलते हुए कहा था कि आरजेडी परिवारवाद की पार्टी है जहां कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखा जाता है सिर्फ परिवार का ध्यान रखा जाता है.श्याम रजक कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. वो आरजेडी और जेडीयू दोनों दल में रह चुके हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 के दशक में की थी, जब वे जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में समाजवादी आंदोलन से जुड़े थे. बाद में वे आरजेडी में सम्मिलित हो गए और 2000 में बिहार सरकार में मंत्री बने. 2015 में श्याम रजक ने आरजेडी छोड़ दिया और जेडीयू में सम्मिलित हो गए. वे 2017 तक जेडीयू में रहे और उसके बाद फिर से आरजेडी में सम्मिलित हो गए थे. वहीं, कई बार फुलवारी शरीफ सीट से विधानसभा के सदस्य रहे. इस बार भी इस सीट से चुनाव लड़ने की बात बताई जा रही है.