बीजेपी सांसद ने बोला कि खतियान में इन लोगों के नाम हैं.
10% करीब मुस्लिम समाज के लोग हैं जबकि 90% हिंदू हैं. मुस्लिम समाज के लोगों ने भी नहीं बताया कि उनके दादा-परदादा ने कब वफ्फ बोर्ड को जमीन दे दी. मुसलमान को भी नहीं पता कि उनकी जमीन कब वफ्फ बोर्ड को चली गई. बिहार सरकार ने इसे कैंसिल कर इन लोगों को जमीन वापस किया है.आगे संजय जायसवाल ने बोला कि दोनों के कागजात देखने से साफ लग रहा है कि साजिश के तहत इन लोगों ने सारी जमीन वफ्फ बोर्ड के नाम कर दी है. हम तक सुनते आए हैं कि माफिया और रंगदार जमीन को हड़पते हैं, यह पहला नमूना देखने को मिल रहा है कि वफ्फ बोर्ड के नाम पर आम लोगों की जमीन हड़पी गई है. सड़क नहीं बनने दी जाती है. आम सड़क वक्फ की कैसे हो सकती है? हमने सभी राज्य के सुन्नी वफ्फ बोर्ड को बुलाने का फैसला लिया है. इनकों सुनेंगे. लॉ यूनिवर्सिटी के बड़े जानकार को सुनना है, लेकिन पीड़ित पक्ष का भी सुनना जरूरी है इसलिए आए हैं.