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आईपीएस आशीष पुनिया ने वर्दी पहनकर माता-पिता को किया सैल्यूट, भावुक तस्वीरें हुई वायरल

संवाद 

 कहते हैं मंजिल को छूने का पक्का जज़्बा और इरादा हो तो कैसी भी मुश्किलें हो हर बंधन और मुश्किलों को पार कर मंजिल को पाया जा सकता है. ऐसा ही कुछ साबित कर दिखाया है पश्चिम राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले के पायला कला निवासी आशीष पूनियां ने
 हाल ही में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इन तस्वीरों को आईपीएस आशीष पुनिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. तस्वीर में एक बेटा पुलिस ऑफिसर की वर्दी में अपने पिता को सैल्यूट करता नजर आ रहा है. पिता और बेटे की ये तस्वीर लोगों का दिल जीत रही है. यही नहीं यह तस्वीर उन सभी पिता के लिए गौरवान्वित करने वाली हैं, जो अपने बेटे को वर्दी में देखना चाहते हैं.
हाल ही में एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. इन तस्वीरों को आईपीएस आशीष पुनिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. तस्वीर में एक बेटा पुलिस ऑफिसर की वर्दी में अपने पिता को सैल्यूट करता नजर आ रहा है. पिता और बेटे की ये तस्वीर लोगों का दिल जीत रही है. यही नहीं यह तस्वीर उन सभी पिता के लिए गौरवान्वित करने वाली हैं, जो अपने बेटे को वर्दी में देखना चाहते हैं.

 आशीष ने यूपीएससी में 557वी रैंक हासिल कर सरहदी बाड़मेर जिले का नाम ना केवल रोशन किया है बल्कि उन्होंने कई युवाओं को प्रेरणा दी है. आशीष के पिता जोगाराम पुनिया राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय पाबूजी की ओरण, पायला कला में पेशे से शिक्षक हैं और माता गृहणी है.

आशीष ने यूपीएससी में 557वी रैंक हासिल कर सरहदी बाड़मेर जिले का नाम ना केवल रोशन किया है बल्कि उन्होंने कई युवाओं को प्रेरणा दी है. आशीष के पिता जोगाराम पुनिया राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय पाबूजी की ओरण, पायला कला में पेशे से शिक्षक हैं और माता गृहणी है.

 युवा आशीष 3 साल से दिल्ली से ऑनलाइन कोचिंग लेने के साथ जोधपुर के लूणी में एक विद्यालय में लैब टेक्नीशियन पद पर कार्यरत थे. आशीष इससे पूर्व यूपीएससी में दो बार इंटव्यू कॉल तक प्रयास कर चुका था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी. अब हैदराबाद में पासिंग आउट परेड में जब अपने परिजनों को देखा तो खुशी से फुले नही समां रहे है.

 युवा आशीष 3 साल से दिल्ली से ऑनलाइन कोचिंग लेने के साथ जोधपुर के लूणी में एक विद्यालय में लैब टेक्नीशियन पद पर कार्यरत थे. आशीष इससे पूर्व यूपीएससी में दो बार इंटव्यू कॉल तक प्रयास कर चुका था, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी. अब हैदराबाद में पासिंग आउट परेड में जब अपने परिजनों को देखा तो खुशी से फुले नही समां रहे है.

 आशीष पूनियां का कहना है कि पढाई को उन्होंने कभी बोरिंग नहीं होने दिया. जब भी तनाव आता था तो पसंदीदा फ़िल्म या कविता पढ़ लेते थे. वह बताते है कि दो बार इंटरव्यू कॉल भी हुआ लेकिन असफलता हाथ लगी इसके बावजूद हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया है.आशीष पूनियां का कहना है कि पढाई को उन्होंने कभी बोरिंग नहीं होने दिया. जब भी तनाव आता था तो पसंदीदा फ़िल्म या कविता पढ़ लेते थे.वह बताते है कि दो बार इंटरव्यू कॉल भी हुआ लेकिन असफलता हाथ लगी इसके बावजूद हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया है.

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