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'पांडेय-पांडेय' बोलने वालों को प्रशांत किशोर का करारा जवाब, 'कहां लिखा है कि सवर्ण...'


संवाद 

जन सुराज (Jan Suraaj) के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के नाम में अक्सर 'पांडेय' जोड़कर जिक्रबाजी होती रही है. कई नेताओं ने बोला है कि उनका नाम प्रशांत पांडेय है. अब 'पांडेय' जोड़कर उनका नाम लेने वालों को प्रशांत किशोर ने करारा जवाब दिया है. पीके ने एक टीवी चैनल से बातचीत में बोला है कि संविधान में कहां लिखा है कि सवर्ण राजनीति नहीं कर सकता है या कोई राजनीतिक प्रयास नहीं कर सकता है? एक प्रश्न के जवाब में प्रशांत किशोर ने बोला, "आपने मुझे कहा पांडेय जी के लड़के, नीतीश कुमार जिस समाज से आते हैं उनको कुर्मी कहा जाता है तो कुर्मी समाज की संख्या बिहार में कितनी है? मेरा जातियों में यकीन नहीं है. मेरे नाम में पांडेय नहीं है, लेकिन लोग राजनीत के लिए चला रहे हैं. 

अगर आप ब्राह्मणों की संख्या जोड़ें तो बिहार में कुर्मियों से ज्यादा है.

" प्रशांत किशोर ने बोला, "अगर कोई कुर्मी समाज का आदमी बिहार को लीड कर सकता है तो कोई ब्राह्मण, कुशवाहा, नोनिया, सहनी, मुसहर या पासवान क्यों नहीं कर सकता है? जिन लोगों ने ये भ्रम फैला रखा है कि अगर आपकी जाति की संख्या नहीं होगी तो आप कैसे चुनाव लड़ोगे? कैसे चुनाव जीतोगे? तो नीतीश कुमार की जाति की संख्या कितनी है?" बता दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बराबर अलग-अलग जिलों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज से 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का पीके ने ऐलान कर दिया है. इससे पहले 2 अक्टूबर को जन सुराज को पार्टी में तब्दील करेंगे. उन्होंने बोला है कि 243 सीटों में से 40 पर मुस्लिम उम्मीदवारों को अवसर देंगे. उसी प्रकार महिलाओं का भी ख्याल रखा गया है. अब देखना होगा कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर किस हद तक कामयाब हो पाते हैं. इस बीच पीके ने बिहार में होने वाले उपचुनाव में भी रामगढ़ से प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया है. 

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