पीके का यह बयान कुछ दिनों पहले का है जब वे कैमूर पहुंचे थे.
पीके ने बोला कि शाहरुख खान ने जब शुरुआत की तब अभिषेक बच्चन की तरह उनके पास कोई विकल्प नहीं था. उनको शुरुआत में जिस तरह का भी कार्य मिला उसको उन्होंने चुना और उसमें अपनी काबिलियत के दम पर अपना नाम बनाया. बॉलीवुड में कई सालों तक काम करने के बाद और कई सुपरहिट मूवीज देने के बाद शाहरुख ने अपनी पसंद के डायरेक्टर, प्रोडक्शन हाउस और स्क्रिप्ट को चुनना शुरू किया. अभिषेक बच्चन की पहचान यह है कि वह अमिताभ बच्चन के बेटे हैं, इसलिए उनको हमेशा से अपनी पसंद का कार्य चुनने का अवसर मिला.प्रशांत किशोर ने बोला कि उसी तरह तेजस्वी की भी पहचान सिर्फ यह है कि वह लालू यादव के बेटे हैं. तेजस्वी को तो जीडीपी और जीडीपी विकास दर में भी फर्क नहीं पता है. जिस तरह से शाहरुख खान ने बॉलीवुड में अपना रास्ता और अपनी पहचान खुद बनाई है उसी तरह सियासत में प्रशांत किशोर ने अपनी पहचान खुद बनाई है. पीके ने बोला, "हमारा रास्ता सीधा नहीं है. अब जनता को तय करना है कि उनको भरोसा उन पर करना है जिसने अपनी बुद्धि और मेहनत से अपने लिए रास्ता बनाया है या उन पर जो अपने बाबू जी के नाम से आगे बढ़े हैं."