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पद्मविभूषण लोक गायिका शारदा सिन्हा के पति का देहांत, घर में गिर जाने से आई थी सिर में चोट


संवाद 


बिहार की कोकिला पद्मश्री, पद्मविभूषण से सम्मानित प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के पति डॉ. ब्रिज भूषण सिन्हा का देहांत हो गया. उनकी उम्र 80 वर्ष की थी. दो दिन पहले घर में ही गिर जाने के कारण से उनके सिर में चोट आई थी. चोट से ब्रेन हेमरेज कर गया था. उसके बाद उन्हें पटना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां वो वेंटिलेटर पर थे. आज (22 सितंबर) उनका देहांत हो गया. बता दें कि डॉ. ब्रिज भूषण सिन्हा शिक्षा विभाग में रिजनल डिप्टी डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए थे.शारदा सिन्हा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि किस्मत से मेरी तरह मेरे पति बृजकिशोर सिंहा को भी गीतों से खास लगाव था. 1970 में जब शादी हुई और मैं अपने ससुराल बेगूसराय गई तो वहां का माहौल बिल्कुल अलग था. मैथिली भी अलग तरीके से बोली जाती थी. मेरी सास का बोलना था कि घर में भजन करने तक तो ठीक है, लेकिन उससे आगे गाना-बजाना नहीं चलेगा.

 हमारे यहां घर की बहू बाहर जाकर गाना नहीं गातीं, इसलिए तुम भी नहीं गाओगी.

 मेरे सुसर को भजन-कीर्तन सुनना बहुत पसंद था.आगे उन्होंने बोला था कि शादी के पांच दिन हुए थे कि तभी मेरे गांव के मुखिया हमारे घर आए और मेरे ससुर से बोले कि आपकी बहू बहुत अच्छा गाती हैं. आप अपनी बहू से बोलिए कि वह ठाकुरबाड़ी में भजन गा दे. ससुर ने ठाकुरबारी में भजन गाने की अनुमति दे दी. यह सुनना था कि मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन ठाकुरबाड़ी में गाना गाने से सास नाराज हो गईं ऐसे समय में मेरे पति ने मेरा साथ दिया और सास को उन्होंने मनाया. शारदा सिन्हा ने 2020 में 8 मई को जब अपने विवाह की 50 वीं वर्षगांठ मनाई थीं तब अपना गाया गीत याद किया था- 'कहे तो से सजना ये तोहरी सजनियां... पग-पग लिए जाऊं तोहरी बलइयां...' बता दें कि शारदा सिन्हा ने शादी की 50 वीं वर्षगांठ के मौके पर सोशल मीडिया पर लिखा था, 'एक स्तंभ बनकर अडिग खड़े रहे आप, हर कदम मिला साथ. आज आपके साथ बैठ कर हर उस पल को याद करूंगी जिसमें दांपत्य जीवन के धैर्य, सहिष्णुता, प्रीत, स्नेह, दृढ़ता और युगल भावनाओं की मिसाल उपस्थित रही है.

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