हमारे यहां घर की बहू बाहर जाकर गाना नहीं गातीं, इसलिए तुम भी नहीं गाओगी.
मेरे सुसर को भजन-कीर्तन सुनना बहुत पसंद था.आगे उन्होंने बोला था कि शादी के पांच दिन हुए थे कि तभी मेरे गांव के मुखिया हमारे घर आए और मेरे ससुर से बोले कि आपकी बहू बहुत अच्छा गाती हैं. आप अपनी बहू से बोलिए कि वह ठाकुरबाड़ी में भजन गा दे. ससुर ने ठाकुरबारी में भजन गाने की अनुमति दे दी. यह सुनना था कि मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन ठाकुरबाड़ी में गाना गाने से सास नाराज हो गईं ऐसे समय में मेरे पति ने मेरा साथ दिया और सास को उन्होंने मनाया. शारदा सिन्हा ने 2020 में 8 मई को जब अपने विवाह की 50 वीं वर्षगांठ मनाई थीं तब अपना गाया गीत याद किया था- 'कहे तो से सजना ये तोहरी सजनियां... पग-पग लिए जाऊं तोहरी बलइयां...' बता दें कि शारदा सिन्हा ने शादी की 50 वीं वर्षगांठ के मौके पर सोशल मीडिया पर लिखा था, 'एक स्तंभ बनकर अडिग खड़े रहे आप, हर कदम मिला साथ. आज आपके साथ बैठ कर हर उस पल को याद करूंगी जिसमें दांपत्य जीवन के धैर्य, सहिष्णुता, प्रीत, स्नेह, दृढ़ता और युगल भावनाओं की मिसाल उपस्थित रही है.