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बिहार में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर राजनीति गरमाई, आरजेडी ने सीएम नीतीश को किया कटघरे में खड़ा


संवाद 


बिहार सरकार ने शनिवार को एक साथ 43 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है. इस तबादले पर अब राजनीति शुरू हो गई. आरजेडी ने प्रश्न खड़ा किया है. आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव ने रविवार को बोला कि बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग अपनी ऊंचाइयों पर है. चमचे अपना हिसाब से स्थानांतरण पदस्थापन करते रहते हैं. अनमेच्योर का भी हो रहा है. ट्रांसफर पोस्टिंग का कोई मानक नहीं है. जब चाहा जिसको चाहा इधर से उधर कर दिया. बिहार में एक ही ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग है जो सिर चढ़कर बोल रहा है. 17-18 वर्षों से सीएम नीतीश ने बिहार में सुई तक का कारखाना नहीं खोले.वहीं, आरजेडी के प्रश्न पर जेडीयू ने प्रतिक्रिया दी है. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने बोला कि सरकारी अधिकारियों के पदस्थापन एवं स्थानांतरण को लेकर विपक्ष का कोहराम हास्यास्पद है. सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार का विकास इसीलिए संभव हो पाया है क्योंकि जो अधिकारी जिस काम को बेहतर तरीके से करें,

 मंत्री परिषद के सदस्य गण बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें, 

जनता तक उनका लाभ पहुंचे इसलिए समय समय पर ऐसे निर्णय लेने बेहद जरुरी होते हैं. यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है. आगे जेडीयू प्रवक्ता ने बोला कि दूसरी ओर विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार के मंत्रियों के आचरण पर सवाल खड़े किए हैं. यह सुनकर हैरानी हो रही है. 2004-2014 तक केंद्र में यूपीए की सरकार थी. पूरा कार्यकाल घोटालों की भेंट चढ़ गया. आरजेडी नेताओं की अदालत में हाजिरी लगती रहती है. इसके बाद भी विपक्षी दल मंत्रियों के चरित्र पर प्रश्न खड़े करते हैं. ट्रांसफर पोस्टिंग पर प्रश्न उठाते हैं. यह उनके मानसिक एवं राजनैतिक दिवालियापन के अलावा कुछ नहीं है.बता दें कि शनिवार को बिहार में एक साथ 43 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया है. इस तबादले में भोजपुर, शिवहर, जमुई, लखीसराय, रोहतास, अररिया, समस्तीपुर, बेगूसराय, शेखपुरा, किशनगंज, अरवल, मधेपुरा सहित 12 जिलों के डीएम को बदल दिया गया है.

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