कानून व्यवस्था बदहाल है,
अपराधी बेलगाम हैं. थाना व ब्लॉक में व्याप्त भ्रष्टाचार से जनता त्रस्त है. पुलिस शराबबंदी के नाम पर धन शोधन में व्यस्त है, लेकिन इन सब ज्वलंत मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन हैं, निष्क्रिय हैं. चंद अधिकारी केवल उन्हें अर्धनिर्मित एवं निर्माणाधीन योजनाओं के निरीक्षण, उद्घाटन और शिलान्यास के लिए लेकर जाते है ताकि यह लगे की सब अच्छा है. अगर सब सही है तो फिर मुख्यमंत्री मीडिया और जनता से संवाद क्यों नहीं करते?'नेता प्रतिपक्ष ने आगे बोला कि मुख्यमंत्री जिस क्षेत्र और जिले में जाते हैं तो वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित क्यों नहीं किया जाता? विभागीय मंत्री साथ क्यों नहीं होते? सीएम स्थापित लोकतांत्रिक मर्यादाओं, परंपराओं और मूल्यों का ह्रास कर रहे हैं.उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार पिछले एक महीने से निरंतर विभिन्न जिलों में पहुंच रहे हैं और विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे हैं. इधर, तेजस्वी यादव भी निरंतर सरकार को विभिन्न मुद्दों को लेकर घेर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने दो दिन पहले नवादा में दलित समाज के लोगों के घर जलाए जाने को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.