अशोक चौधरी बाद में जो सफाई दे रहे हैं हमने उसको भी देखा.
कोई सफाई का मतलब नहीं है. तीर कमान से और बात जुबान से निकल जाती है तो सफाई देने का क्या मतलब है? उन्होंने जो कुछ भी बोला वह लोगों के सामने है. नीतीश कुमार ने पहले भी बिहार का विकास किया है और आगे भी रात दिन मेहनत कर रहे हैं. इस प्रकार से कोई नीतीश कुमार पर ताना कसे तो मेरे जैसा आदमी तो कभी समर्थन नहीं करेगा. पत्रकारों के इस प्रश्न पर कि क्या पार्टी (जेडीयू) में श्याम रजक के आने से उनकी (अशोक चौधरी) बेचैनी बढ़ गई है? इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने बोला कि अब देखिए किस कारण से उनकी बेचैनी बढ़ी है ये तो वही जानेंगे. उसी पार्टी को बनाने में तो शुरुआती दौर में उनका (अशोक चौधरी) तो कोई योगदान रहा ही नहीं है. नीतीश कुमार उस पार्टी के सब कुछ हैं. नीतीश कुमार की इच्छा है वह जिस तरह से चाहें पार्टी चलाएं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से इस तरीके की बात नीतीश कुमार के प्रति कोई करे तो हम तो कहीं से उचित नहीं कहेंगे.उपेंद्र कुशवाहा ने बोला कि अशोक चौधरी खुद ही इस तरह से करते रहते थे कि लगता था कि उनसे ज्यादा नीतीश कुमार के नजदीक कोई है ही नहीं. आज की तारीख में क्या है नहीं है यह तो वही बताएंगे. जेडीयू के भीतर अब क्या चल रहा है यह पार्टी का मामला है मुझे क्या पता. जो बात बाहर आई और हम लोगों ने देखा उसके आधार पर जो ट्वीट है इस आधार पर हम अपनी बात बोल रहे हैं. जेडीयू को एक्शन लेना चाहिए या नहीं इस पर हम कैसे बता सकते हैं. वो पार्टी का माजरा है. हां ये है कि जो कुछ भी ट्वीट से बोला गया है किसी को भी अच्छा नहीं लगेगा.