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'अधिकारी असलियत...', सीएम नीतीश की क्राइम मीटिंग में DGP को लेकर तेजस्वी के प्रश्न से छिड़ी बहस


संवाद 


सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को डीजीपी और गृह विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. इस क्रम में उन्होंने अधिकारियों को कड़े आदेश दिए थे. वहीं, इस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर रविवार को ताना कसा. उन्होंने इस बैठक को लेकर बड़ा प्रश्न किया. तेजस्वी यादव ने लिखा कि 'ऐसी समीक्षा बैठक का क्या फायदा और औचित्य? जिसमें राज्य के डीजीपी, मुख्य सचिव और एडीजी भी मौजूद ना रहे.तेजस्वी यादव ने 'एक्स' पर लिखा कि 'कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री हर बार उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करने की सिर्फ औपचारिकता पूरी करते हैं. 

नीतीश जी का इकबाल यह है कि

 प्रदेश में ऐसी प्रत्येक समीक्षा बैठक के बाद अपराध में और अधिक वृद्धि होती है क्योंकि अधिकारी एवं अपराधी भी ऐसी आडंबरपूर्ण बैठकों की असलियत जानते हैं. अधिकारी भी जानते हैं कि जब विपक्ष का दबाव बढ़ता है तो दिखावे व फॉर्मेलिटी के लिए सीएम अचानक ऐसी बैठक बुला लेते हैं.'आगे उन्होंने लिखा कि 'ऐसी समीक्षा बैठक का क्या फायदा और औचित्य जिसमें राज्य के डीजीपी, मुख्य सचिव और एडीजी भी मौजूद ना रहे. शीर्षस्थ अधिकारियों की अनुपस्थिति दर्शाती है कि विधि व्यवस्था पर मुख्यमंत्री जी कितने गंभीर हैं एनडीए सरकार अपराधियों को संरक्षित एवं संपोषित कर बिहारवासियों की जान के साथ खेल रही है.'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में गृह विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को जरुरी दिशा निर्देश दिए. समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने आदेश देते हुए बोला कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें.

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