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पूर्व MLC मनोरमा देवी के घर पर एनआईए ने क्यों की छापेमारी? एसएसपी आशीष भारती का आया ये बयान


संवाद 


गया में जेडीयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के एपी कॉलोनी स्थित आवास पर गुरुवार की सुबह से एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है. दर्जनों की संख्या में गया जिला पुलिस और एसएसबी के जवान को घर के बाहर तैनात किया गया है. वहीं, इस कार्रवाई पर गया के एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि एनआईए की टीम गया पहुंची है. एनआईए की टीम किस कनेक्शन या किस मामले में छापेमारी कर रही है यह अभी स्पष्ट खबर नहीं है. सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि एनआईए की टीम सुबह 5 बजे से छापेमारी कर रही है. इस क्रम में किसी को भी भीतर से बाहर और बाहर से भीतर जाने का आदेश नहीं है. आवास को पूरी प्रकार से घेराबंदी कर दी गई है. एनआईए की टीम किसी कनेक्शन के मामले में जेडीयू की पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के घर पर छापेमारी की है. 

इस संबंध में कोई भी अधिकारी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता रहे हैं.

 पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी और घर के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है.वहीं, मिली सूचना के अनुकूल मनोरमा देवी के विरुद्ध यह बड़ी कार्रवाई नक्सली गतिविधियों से तार जुड़े होने के सुराग मिलने के बाद की गई है. इस मामले में पुलिस ने 7 अगस्त 2023 को केस दर्ज किया था जिसके बाद इस केस को एनआईए ने अपने पास ले लिया था. सितंबर 2023 में फिर से इस मामले में केस दर्ज किया गया था.
इस संबंध में गया के एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि गया पहुंचने के बाद एनआईए की टीम ने जिला पुलिस से पुलिस बल को लेकर मदद मांगी थी जिसके बाद जिला पुलिस बल को भेजा गया है. 4 घंटे से छापेमारी चल रही है. छापेमारी के बाद एनआईए के अधिकारी के बाहर निकलने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि एनआईए की टीम किस कनेक्शन या किस मामले में छापेमारी की है? इस क्रम में क्या-क्या बरामद हुआ है? इसकी भी खबर मिल सकेगी.
बता दें कि मनोरमा देवी के पति बिंदेश्वरी यादव जिला पार्षद अध्यक्ष रहे हैं. उनका देहांत हो चुका है. उनके विरुद्ध नक्सल गतिविधियों में लिप्त होने का केस दर्ज किया गया था. नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने के इल्जाम में बिंदेश्वरी यादव को पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए देशद्रोह का केस दर्ज किया था. जांच पड़ताल के क्रम में उनकी गाड़ी से कारतूस बरामद किया गया था. वहीं, मनोरमा देवी का बड़ा बेटा रॉकी यादव चर्चित रोडरेज गोली कांड का मुख्य इल्जाम रहा है. हालांकि, हाईकोर्ट ने सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया था.


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