इसमें आरडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हुए.
मुख्य सचिव ने आरडब्ल्यूडी के अधिकारियों को आदेश दिया कि उन ठेकेदारों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए जो स्वयं द्वारा निर्मित ग्रामीण सड़कों का रखरखाव करने में असफल रहते हैं. उन्होंने बोला कि निरीक्षण अभियान 15 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए.आईपीआरडी के बयान में कहा गया है, "यदि अधिकारियों को ठेकेदारों की तरफ से दोष दायित्व अवधि में स्पष्ट उल्लंघन मिलता है, तो संबंधित ठेकेदार को कार्य से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए." इस बीच, बिहार के आरडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चौधरी ने बोला कि विभाग ने राज्य के ग्रामीण इलाकों में 26,000 किलोमीटर नई ग्रामीण सड़कें और एक हजार नए छोटे पुल बनाने का फैसला लिया है.अशोक चौधरी ने बोला, "राज्य में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु निर्माण योजना के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में तकरीबन 26 हजार किलोमीटर नई सड़कों और एक हजार नए छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा. आरडब्ल्यूडी ग्रामीण इलाकों में नए छोटे पुलों के निर्माण के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अंतिम रूप दे रहा है. अब से बिना पहुंच पथ के कोई भी छोटा पुल नहीं बनाया जाएगा. यह फैसला कुछ घटनाओं के मद्देनजर लिया गया है."