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इस साल 3 अक्टूबर को अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा, श्री अग्रसेन जयंती के साथ शरद नवरात्रि महापर्व को पूरे देश में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जायेगा। प्रतिपदा से नवमी तक नौ दिनों तक चलने वाले इस शरद नवरात्रि महापर्व में मां भगवती को नौ रूपों में देखा जाता है। प्रतिपदा तिथि पूर्ण रात्रि तक होने से शुभ, अभिजित मुहूर्त में घट स्थापना के साथ ही भक्तों की आस्था का प्रमुख त्यौहार शरद नवरात्र आरम्भ हो जायेगा।
ये हैं विशेष योग:
इस बार की ग्रह स्थिति बुध आदित्य योग, उच्च के राहु तथा बुध और सिंहस्त बृहस्पति के होने से चल, अचल-संपत्ति खरीदने तथा व्यापार के लिए विशेष कर लाभ प्रद रहेगा। यह ऐसा योग है जो आठ साल बाद आया है। इससे पहले ऐसा योग 2016 में आया था, जिसमें चित्रा नक्षत्र जो देर रात्रि 4:38 तक तथा वैधृति योग जो रात्रि 11:17 बजे तक रहेगा।
घटस्थापना के मुहूर्त
घटस्थापना के मुहूर्त रात्रि 11:49 बजे से 12: 35 बजे तक अभिजित मुहूर्त है। जो लोग इस समय घट स्थापना नहीं कर पाते हैं वे सुबह कर सकते हैं। सुबह 6: 22 बजे से 6:45 बजे तक कन्या लग्न में स्थापना कर सकते हैं। इसके अलावा लाभ, शुभ, अमृत या राहु काल छोड़ कर स्थिर लग्न भी सही समय हैं। 13 अक्टूबर से 14 अक्टूबर को सुबह 8 बजे तक होने से प्रतिपदा दो दिन मानी जायेगी।