कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.
बाढ़ पीड़ितों के अनुसार किरतपुर के भुभौल गांव में बांध टूटने से लगभग 2 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. कुल 25 से 30 गांव जलमग्न हैं. उनका बोलना है कि तीन लोग तो गायब भी हैं. बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि वे लोग बहुत पहले से बोल रहे थे कि बोरा में बालू भरकर किनारे में रखा जाए, लेकिन नहीं सुना गया. प्रशासन की तरफ से कोई नहीं आ रहा है. यहां पर पर्याप्त रोशनी के लिए जेनरेटर की व्यवस्था, अस्थायी शौचालय, कम्युनिटी किचेन, नाव आदि की सुविधा दी जाए. लोगों ने बोला कि खाना नहीं मिल रहा. ड्राई राशन नहीं मिल रहा है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम भी नहीं है.बता दें कि बिहार में करीब 16 जिले ऐसे हैं जो बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा सम्मिलित हैं. इन 16 जिलों के 55 प्रखंडों में 269 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत करीब 9.90 लाख जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित हुई है. बिहार में आठ जगहों पर तटबंध टूटा है. उधर बाढ़ को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 15-15 टीमें बाढ़ राहत एवं बचाव काम में जुटी हैं.