उसके बाद भी हमारे जिले की पीओपी रैंकिंग अच्छी स्थिति में है.
पत्र के माध्यम से ये भी बताया गया है कि रोजाना मीटिंग और उसमें आपके अपमानजनक व्यवहार के वजह से हम लोग मानसिक एवं शारीरिक रूप से थक चुके हैं. लगभग प्रतिदिन दो-तीन घंटे का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जिला मुख्यालय में बैठक का आयोजन किया जाता है. खासकर महिला अधिकारियों के कार्यालय के समय बाहर देर रात तक बिना किसी उचित कारण के मीटिंग में सम्मिलित होने के लिए कहा जाता हैृ, जो अत्यंत अनुचित और मर्यादित है और इसके वजह से राजस्व एवं भूमि सुधार के नियमित कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. इस प्रकार के आचरण एवं कार्य क्षमता एवं POP रैंकिंग पर इसका पड़ेगा.पत्र में डीएम साहब को अवगत कराया गया है कि नवादा जिले में भी आपकी इसी प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया गया था, जिसके कारण उस समय स्थानीय अधिकारियों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी के समूह ने स्थानांतरण एवं सामूहिक अवकाश की मांग की थी. इस प्रकार के व्यवहार के सभी अधिकारी मानसिक एवं आत्मिक रूप से आहत महसूस कर रहे हैं. इतना ही नहीं पत्र में डीएम साहब को अंग्रेज सरकार वाला व्यवहार रखने के लिए का बताया गया है और लिखा गया है कि जिस तरह ब्रिटिश साम्राज्य की मानसिकता थी कि अधिकारी अपने आपको सर्वोच्च शासक और कर्मचारियों को अपना गुलाम मानते थे.राजस्व कर्मियों ने पत्र में आगे लिखा है कि वर्तमान समय में आपका भी व्यवहार वैसा ही लगता है, जिसमें आप स्वयं को कानून न्यायिक व्यवस्था एवं लोकतांत्रिक तंत्र से भी ऊपर समझ रहे हैं. लोकतांत्रिक देश में एक लोक सेवक होने के नाते आपका यह दृष्टिकोण हमारे लिए मानसिक रूप से अत्यंत का अहितकारी है और अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को आलोचना करना हर छोटी बात पर जेल भेजने की धमकी देना और अपमान जनक गालियां देना ना केवल हमारी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि हमारे आत्म बल को भी कमजोर कर रहा है.