इन जिलों के कुछ जगहों पर वज्रपात की भी चेतावनी दी गई है.
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुकूल सतह से 0.9 किलोमीटर ऊपर एक ट्रफ लाइन उत्तर पूर्व उत्तर प्रदेश, बिहार से होते हुए उप हिमालय पश्चिम बंगाल तक जा रही है. दक्षिण पश्चिम बांग्लादेश और पड़ोस पर ऊपरी वायु परिसंचरण के प्रभाव से उतरी बंगाल की खाड़ी और आस-पास के तटीय क्षेत्रों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जिससे नमी युक्त हवा के असर से पूरे बिहार पर आ रहा है. इसके प्रभाव से अब राज्य के टेंपेरेचर में धीरे-धीरे गिरावट होने की अपूर्व अनुमान है. दशहरा के एक-दो दिन बाद बिहार से मॉनसून की वापसी के संकेत मिल रहे हैं .बीते शुक्रवार को राज्य के कई जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश दर्ज की गई, जबकि तीन जिलों में भारी बारिश भी दर्ज हुई है. इनमें सबसे अधिक पूर्णिया में 80.4 ,भागलपुर 76.2 और मधेपुरा में 65.8 मिलीमीटर के साथ भारी बारिश दर्ज हुई है. इसके अलावा सिवान 52.2 ,नालंदा 51.6, गया 50.2 ,कटिहार 41.6 ,सहरसा 34.8 ,खगड़िया 32.6, औरंगाबाद 28.4, भोजपुर 28.5 ,नवादा 25.2, पटना की अठमल गोला में 24.4, अररिया 20.4 ,शेखपुरा 20 ,सीतामढ़ी 19.8 मिलीमीटर के साथ मध्यम स्तर की बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा पश्चिम चंपारण ,पूर्वी चंपारण ,बक्सर भी हल्की बारिश दर्ज की गई है.
बारिश के साथ-साथ राज्य के टेंपेरेचर में भी कोई खास बदलाव नहीं हो रहे हैं. राज्य का टेंपेरेचर एक लेवल में दिख रहा है. राजधानी पटना में 0.1 डिग्री की गिरावट के साथ 33.2 डिग्री सेल्सियस टेंपेरेचर दर्ज किया गया. सबसे अधिक टेंपेरेचर सीतामढ़ी में 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि सबसे कम अधिकतम टेंपेरेचर किशनगंज में 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. राज्य का औसत टेंपेरेचर 33 डिग्री के करीब दर्ज किया गया.