इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की.
जहरीली शराब से, अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों बिहारवासी मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धान्तहीन राजनीति के पुरोधा मा. मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य बात है."सरकार को घेरते हुए नेता प्रतिपक्ष ने आगे लिखा, "कितने भी लोग मारे जाएं लेकिन मजाल है किसी वरीय अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद हैं? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ हैं? इन हत्याओं का आरोपी कौन?"उधर आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति यादव ने बोला है कि शराब माफिया सीएम आवास में जाकर फोटो खिंचवाता है. बिहार में जहरीली शराब प्रशासन परोस रहा है इसलिए लोग मर रहे हैं. पहले भी जहरीली शराब से लोग मर रहे थे, अभी भी मर रहे हैं. सरकार नींद से जागी नहीं. शराबबंदी वाले बिहार में अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. यह सब सत्ता के संरक्षण में हो रहा है. और बता दे कि बिहार में शराबबंदी नहीं है. सरकार नाम की कोई चीज नहीं है.