यह जनविरोधी और गरीब विरोधी योजना है.
बिजली बिलों में कई गुना बढोत्तरी हुई है, जिससे उपभोक्ताओं पर भारी वित्तीय बोझ पड़ रहा है. एक महीने के अंदर इस योजना को वापस नहीं लिया गया, तो पार्टी बिहार बंद का आह्वान करेगी.विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा भाकपा (माले) लिबरेशन ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' की कड़ी आलोचना की और इसे 'नफरती अभियान' करार दिया. बोला, "केंद्रीय मंत्री द्वारा शुरू की गई यात्रा भारतीय संविधान की भावना के विरुद्ध है. हमें अपने संविधान और देश के धर्मनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के लिए फासीवादी ताकतों से लड़ना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने लोगों के बीच खुलेआम त्रिशूल बांटे."उधर दूसरी तरफ भाकपा (माले) लिबरेशन ने लोगों से चार विधानसभा क्षेत्रों रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज के उपचुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की. बता दें कि राज्य की इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा. पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एक रैली को संबोधित करते हुए बोला, "केंद्र और बिहार की राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार) सरकार अहंकारी है. उन्हें जनता के कल्याण की जरा भी चिंता नहीं है." उन्होंने राज्य में जारी भूमि सर्वेक्षण को गरीबों को उनकी जमीन से बेदखल करने का प्रयत्न करार दिया और सरकार से इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने का अनुरोध किया.