ऐसी कोई बात नहीं है. पहले पुराने मीटर में भार का आकलन मीटर रीडर नहीं कर पाते थे.
अब स्मार्ट मीटर में अगर आप एक किलोवाट का भार लिए हुए हैं
और डेढ़ किलो वाट या 2 किलोवाट बिजली खपत कर रहे हैं तो छह माह तक चार्ज नहीं लगेगा, लेकिन उसके बाद चार्ज देना पड़ेगा.
जिस दिन कार्यालय बंद रहता है या किसी भी पर्व-त्योहार की छुट्टी रहती है उस दिन रिचार्ज समाप्त होने पर भी बिजली नहीं कटती है. कार्यालय की अवधि में ही बिजली कटती है. रात में तो ऐसा होता ही नहीं है. स्मार्ट मीटर के आगे में ही एक पुश बटन है. रिचार्ज समाप्त होने पर बिजली कट जाती है तो आप उसी समय 20 सेकंड के लिए बटन को दबाए रखें तो बिजली आ जाएगी. हालांकि 72 घंटे के भीतर आपको रिचार्ज करना होगा नहीं तो बिजली कट जाएगी.स्मार्ट मीटर नई तकनीक से लैस है. एजेंसी का कार्य सिर्फ मीटर लगाना है. जो बिल आता है वह बिजली विभाग के पास आता है. एजेंसी के पास नहीं जाता है. सिर्फ मीटर लगाने का खर्च ही एजेंसी को मिलता है.
स्मार्ट मीटर में जो सिम कार्ड लगे हैं वह दो कंपनियों के हैं. जहां जिस जगह पर जिसका अच्छा नेटवर्क होता है वहां उस कंपनी का ही सिम कार्ड वाला मीटर लगाया जाता है. जियो का सबसे ज्यादा नेटवर्क होता है तो जियो का लगता है, लेकिन कहीं-कहीं जियो काम नहीं करता है तो एयरटेल का भी सिम लगाया जाता है. स्मार्ट मीटर में सिम कार्ड लगाने का उद्देश्य है कि मीटर का उपयोग और डाटा का मैसेज मिलता रहे. अगर कहीं जियो या एयरटेल दोनों काम नहीं करता है तो वहां रेडियो फ्रीक्वेंसी कार्य करता है. स्मार्ट मीटर में छेड़छाड़ करते हैं तो सबसे पहले उसका मैसेज हम लोग को मिल जाएगा. दूसरी बात कि अगर छेड़छाड़ करते हैं तो निश्चित तौर पर यूनिट कम उठेगा, तो हम लोग भी रीड करते हैं कि वहां यूनिट क्यों कम आ रहा है. लेट से रिचार्ज होगा तो हम लोग भी अध्ययन करते हैं कि क्या बगैर बिजली के कंज्यूमर है. स्मार्ट मीटर की क्षमता 19 किलोवाट ही है. ऐसे में 19 किलोवाट के भीतर उपयोग होने वाली जगहों पर ही स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है. जैसे घर, अपार्टमेंट, कार्यालय, छोटे-छोटे कुटीर उद्योग में स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है. बड़े-बड़े कल-कारखानों में 19 किलोवाट से ऊपर क्षमता वाले मीटर लगते हैं. इन जगहों पर अभी स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जा रहा है, लेकिन इसकी भी प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही बड़े-बड़े कारखानों में भी स्मार्ट मीटर लग जाएंगे.