उन्हें उनकी पदोन्नति की तारीख से तनख्वाह नहीं मिल रहा है
क्योंकि उनके पास जीपीएफ खाता नहीं है, जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर तनख्वाह लेने के लिए एक शर्त है.अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीश नई पेंशन योजना (एनपीएस) के अंतर्गत आते हैं और इस लिए उनके पास जीपीएफ खाते नहीं हैं. न्यायमूर्ति मिश्रा को अपना वेतन नहीं मिल पा रहा था क्योंकि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एनपीएस के अंतर्गत नहीं आते हैं. पीठ ने बोला, "उन्हें तनख्वाह क्यों नहीं मिल रहा है? यह क्या है? हम उनकी तनख्वाह जारी करने के लिए अंतरिम निर्देश पारित करेंगे."
पीठ ने बोला कि वह बिहार सरकार को न्यायमूर्ति मिश्रा के लिए एक अस्थायी जीपीएफ खाता खोलने का आदेश देगी. शीर्ष अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार तक का वक्त मांगा. उन्होंने पीठ को यह आश्वासन दिया कि तब तक मुद्दा सुलझ जाएगा.