अगर कार पानी से चलती तो मुझे कहीं जाने के लिए बजट की तरफ़ न देखना पड़ता।' पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों के बीच हम अक्सर इसका ज़िक्र करते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों ने इस काम में थोड़ी राहत तो दी है, लेकिन लोगों को अभी भी ऐसे वाहन का इंतज़ार है, जिसका रनिंग कॉस्ट न के बराबर हो जाए।
इस काम को आसान बनाने के लिए भारतीय कंपनी जॉय ई-बाइक ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। दरअसल, कंपनी ने इस साल इंडिया मोबिलिटी एक्सपो 2024 में अपने पानी से चलने वाले स्कूटर का कॉन्सेप्ट पेश किया।कंपनी ने अभी तक इस स्कूटर के फाइनल प्रोडक्ट और लॉन्च के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है। माना जा रहा है कि इसे इंडिया मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 में एक बार फिर देखा जा सकता है। इसमें कुछ नए अपडेट भी देखने को मिल सकते हैं। आपको बता दें कि ऑटो एक्सपो अगले साल 17 से 22 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा।*
जॉय ई-बाइक हाइड्रोजन स्कूटर की मुख्य विशेषताएं
जॉय ई-बाइक की पैरेंट कंपनी वार्डविज़ार्ड हाइड्रोजन फ्यूल सेल और इलेक्ट्रोलाइज़र तकनीक पर काम कर रही है। कंपनी ने इस साल इंडिया मोबिलिटी शो में पानी से चलने वाला स्कूटर भी पेश किया था। इस तकनीक के तहत यह स्कूटर पानी से चलता है। भारत में स्वच्छ मोबिलिटी में हाइड्रोजन तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है। इससे प्रदूषण से बचने में मदद मिलेगी और पर्यावरण को बचाना आसान होगा। यह स्कूटर डिस्टिल्ड वॉटर से चलता है। स्कूटर की तकनीक पानी के अणुओं को तोड़कर उसमें से हाइड्रोजन के अणुओं को अलग कर देती है।
*जब हाइड्रोजन अलग हो जाता है तो यह स्कूटर हाइड्रोजन को ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करता है जिससे स्कूटर चलता है। खास बात यह है कि पानी से चलने वाले इस स्कूटर की टॉप स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी। कम स्पीड होने की वजह से इसे चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। इतना ही नहीं इसे रजिस्टर कराने की भी जरूरत नहीं होगी। इस स्कूटर में पैडल भी दिए गए हैं। अगर किसी वजह से इसकी रेंज खत्म हो जाती है तो इसे पैडल की मदद से भी चलाया जा सकता है। आपको बता दें कि कई ऑटोमोबाइल कंपनियां हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन बनाने पर काम कर रही हैं।*
देखना यह है कि किस कंपनी का टू-व्हीलर सबसे पहले बाजार में आता है। जॉय ई-बाइक के इस हाइड्रोडॉन स्कूटर की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक दावा किया जा रहा है कि यह इलेक्ट्रिक स्कूटर 1 लीटर पानी से 150 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेगा। हालांकि, यह अभी प्रोटोटाइप है। यानी यह स्कूटर अभी बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। इसकी तकनीक पर अभी काम चल रहा है। जब कंपनी इसका प्रोडक्शन मॉडल तैयार करने में सफल हो जाएगी, तब इसे आम लोगों के लिए पेश किया जा सकता है। कंपनी का मानना है कि पूरी तरह से विकसित होने के बाद हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक का इस्तेमाल यूटिलिटी व्हीकल्स समेत कई सेक्टर में किया जाएगा।