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रोहतास में 21 वर्ष बाद आया ट्रिपल मर्डर केस का निर्णय, 10 आरोपियों को आजीवन कारावास


संवाद 


बिहार के रोहतास जिले में 21 वर्ष पुराने चर्चित तिहरे हत्याकांड का निर्णय आ गया है. इस मामले में कोर्ट ने 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. संझौली थाना क्षेत्र के तिलई गांव में 13 आरोपियों ने तीन लोगों को अगवा कर गोली मारकर कत्ल कर दी थी, इस नृशंस हत्याकांड का निर्णय अब आया है.अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम शैलेश कुमार पंडा की अदालत ने 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक आरोपी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोषियों में सुदामा पासवान, नैल धोबी, त्रिभुवन बैठा, शिव व्यक्ति धोबी, शिवकुमार धोबी, मालिक राम, शालिक राम, जयेंद्र राम, बेचन महतो और छेदी धोबी सम्मिलित हैं. 

अभियोजन पक्ष ने इस मामले में कुल 12 गवाहों की गवाही कोर्ट में दर्ज कराई थी.

 अपर लोक अभियोजक अशोक बैठा ने बताया कि इस निर्णय से इंसाफ की जीत हुई है और पीड़ित परिवारों को इंसाफ मिला है. कोर्ट का यह निर्णय 21 वर्ष बाद आया है, जिससे लंबे वक्त से चल रहा संघर्ष समाप्त हुआ है. इस मामले ने रोहतास जिले में लंबे समय तक खलबली मचाई हुई थी और अब दोषियों को सजा मिलने से इंसाफ की प्रतिष्ठा बहाल हुई है.अपर लोक अभियोजक अशोक बैठा के अनुसार यह मामला 21 वर्ष पुराना है. इस मामले की प्राथमिकी 4 जनवरी 2003 को संझौली थाना कांड संख्या 1/2003 के तहत दर्ज की गई थी. शाम छह बजे तिलई गांव के बंजर भूमि में 13 आरोपियों ने मिलकर पिंटू सिंह, शिवाजी सिंह और विजय सिंह को भूमि विवाद में अगवा कर लिया और फिर गोली मारकर कत्ल कर दी. इस मामले के दो दोषियों की ट्रायल के क्रम में ही मृत्यु हो गई. वहीं, एक अन्य दोषी भोला बैठा को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने रिहा करने का निर्देश दिया है. 

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