मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाला है. वहीं इसी को लेकर राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमरावती में रैली के दौरान 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया है.
यह नारा देश में चर्चा का विषय बन गया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस नारे का कुछ नेता समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कुछ इसके विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं. इसी क्रम में एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने भी इस बयान का विरोध किया है.
नारा देते रहे हैं
महाराष्ट्र चुनाव में प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने ‘हम एकजुट हैं तो सुरक्षित हैं’ का नारा दिया था. वहीं, योगी आदित्यनाथ भी लगातार अपनी रैलियों में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा देते रहे हैं, लेकिन अब महायुति के सहयोगी अजित पवार इस पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. इससे पहले अजित पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र शिवाजी, अंबेडकर और शाहू जी महाराज की भूमि है. वहीं अजित पवार ने इस बयान में कहा कि राज्य के बाहर से लोग आते हैं और ऐसी बातें कहते हैं.
विचारधारा अलग है
दूसरे राज्यों के बीजेपी सीएम तय करें कि उन्हें क्या कहना है. भले ही हम महायुति में एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग है। यह दूसरों में काम कर सकता है, लेकिन यह महाराष्ट्र में काम नहीं करता है। इसी सिलसिले में शिवसेना (शिंदे गुट) नेता संजय निरुपम ने योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं कि बिखरोगे तो कमजोर हो जाओगे. एकजुट रहेंगे तो मजबूत रहेंगे.
दादा को समझना होगा
उन्होंने आगे कहा कि अजित दादा को अभी समझ नहीं आ रहा है, बाद में समझ आएगा। ‘हम बांटेंगे तो काटेंगे’ वाली ये लाइन महाराष्ट्र में जरूर चलेगी। अजित दादा को समझना होगा। सीएम योगी कुछ गलत नहीं कह रहे हैं. वहीं इसे समझने के लिए कुछ लोगों को समय लग सकता है. इस नारे को लेकर जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने भी सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था, ”देश को अब ऐसे नारों की जरूरत नहीं है. हम एकजुट हैं. इस नारे की जरूरत उन लोगों को है जो एक संप्रदाय के नाम पर वोट चाहते हैं.