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'अब शिक्षक कोचिंग और ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे', विभाग के फरमान पर गुस्साई आरजेडी


संवाद 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने शिक्षण संवाद में यह फरमान जारी किया है कि शिक्षकों को कोचिंग और ट्यूशन में नहीं पढ़ाना है. इस पर आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने रविवार को प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बोला कि बिहार में शिक्षक हैं कहां? एनडीए की सरकार ने शिक्षकों को बंधुआ मजदूर बनाकर रख दिया है. मानसिक रूप से शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है. 

ऐसे में शिक्षक बच्चों को क्या पढ़ाएंगे? 

आगे उन्होंने बोला कि बिहार में जब महागठबंधन की सरकार थी तो शिक्षकों का अधिकार उन्हें दिया गया, राज्य कर्मी का दर्जा दिया गया. तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे तो 5 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. हमारे नेता तेजस्वी यादव और हमारी पार्टी शिक्षकों के साथ खड़ी है उनके अधिकार और हकूक की लड़ाई के लिए हम साथ खड़े हैं.वहीं, ट्रैफिक नियम के तहत अब लाइसेंस रद्द करने की तैयारी प्रशासन कर रहा है. इस पर मृत्युंजय तिवारी ने बोला कि सिर्फ तालिबानी फरमान जारी करने से नहीं होगा. बिहार में सिर्फ एकतरफा फरमान जारी किया जा रहा है. किस व्यक्ति का किस परिस्थिति में चालान कट रहा है यह भी देखना होगा. आरजेडी दफ्तर के बाहर खड़ी गाड़ियों का चालान काट दिया गया उसके अगले दिन बीजेपी दफ्तर में प्रोग्राम था बाहर लगी गाड़ियों का चालान क्यों नहीं काटा गया? कानून सबके लिए एक है और सब पर लागू होना चाहिए. जागरूकता के साथ इस पर सरकार और प्रशासन को काम करने की आवश्यकता है.बिहार में अफसरशाही को लेकर कई बार विपक्ष और सत्ता के नेताओं ने प्रश्न उठाया है अब मंत्री मदन सहनी नाराज हैं. इस पर आरजेडी नेता ने बोला कि पहली बार ऐसा नहीं हुआ है यह कोई एक माननीय मंत्रियों की समस्या नहीं है लंबी फेहरिस्त है. जो अफसरशाही से मंत्री परेशान हैं इससे पहले भी मंत्री मदन सहनी अपने विभाग के अधिकारी से नाराज हुए थे. अब समय आ गया है जहां जनप्रतिनिधि और मंत्रियों को अपने सम्मान के लिए अफसरशाही के विरुद्ध आवाज बुलंद करनी चाहिए.

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