बिहार में लंबे इंतजार के बाद जब शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का वक्त आया तो एक बार फिर हजारों टीचरों को धक्का लग गया, जब बीते मंगलवार को सरकार ने आवेदन लेने के बाद तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी को रोक दिया. सरकार ने शिक्षक संघ के इस पॉलिसी के विरोध करने का हवावा देते हुए और कोर्ट के स्टे ऑर्डर के बाद इसे तत्काल स्थागित कर दिया.सरकार के इस निर्णय का जेडीयू की सहयोगी पार्टी बीजेपी ने भी स्वागत किया है. बीजेपी एमएलसी जीवन कुमार (Jeevan kumar) ने बोला कि मुख्यमंत्री ने जो ये निर्णय लिया है वो काफी सोच समझ कर लिया है. मैंने तो इस पॉलिसी कि उस समय भी विरोध किया था, जब ये लाई गई थी. इस तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग मुमकिन ही नहीं है. ये नीति नहीं चलेगी. इससे बहुत परेशानी आ रही थीं. मुख्यमंत्री के आदेश पर जो ये फैसला आया है, वो स्वागत योग्य है.
एमएलसी जीवन कुमार ने ये भी बोला कि जो भी पदाधिकारी शिक्षा विभाग में बैठे हैं.
उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि कैसे शैक्षणिक वातावरण को ठीक करें. उन्होंने बोला, "बिहार में मंत्री के साथ जो अधिकारी बैठे हैं, वो समझते हैं कि सीएम हम से बहुत अच्छा संबंध रखते हैं, इसलिए हम कोई भी नीति ले आएंगे. ये सही नहीं है, हम ऐसा नहीं होने देंगे. शैक्षणिक वातावरण को बिहार में हम खराब नहीं होने देंगे". बता दें कि सरकार के इस निर्णय के बाद जो शिक्षक जहां कार्य कर रहे हैं, वहीं रहेंगे. मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने औरंगाबाद के 13 शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की करते हुए तबादले पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद सरकार की तरफ से इस नीति को तत्काल स्थागित कर दिया गया है.