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बिहार के इस जिले में मिले फर्जी शिक्षक, शिक्षा विभाग ने नौकरी से हटाया, पढ़ें पूरी लिस्ट


संवाद 


बिहार में एक बार फिर फर्जी पाए गए शिक्षकों के विरुद्ध विभाग ने एक्शन लिया है. सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरने के वक्त फर्जी निकले 16 शिक्षकों की सेवा अब खत्म की जाएगी. मामला बांका जिले का है. बीते सोमवार (25 नवंबर) को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है. इन शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए पटना बुलाया गया था, लेकिन ये नहीं पहुंचे. जांच में पात्रता परीक्षा का क्रमांक इनका किसी दूसरे शिक्षक से मेल खाता पाया गया था. अब डीपीओ स्थापना ने कार्रवाई के लिए नियोजन समिति को खत लिखा है. इस मामले की जांच शुरू होने के बाद से ही इसमें अधिकांश शिक्षक विगत करीब 9-10 महीने से अपने विद्यालय से फरार चल रहे हैं. विभागीय स्तर से इनका वेतन भी बंद किया जा चुका है. कई बार अवसर दिए जाने के बाद भी इन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा जिसके बाद इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
बता दें कि सक्षमता परीक्षा के काउंसलिंग पूरा होने के बाद विभागीय निर्देश पर इन शिक्षकों की खोज शुरू की गई. इसके बाद इन शिक्षकों को फर्जी मानते हुए सेवा समाप्ति की कार्रवाई शुरू कर दी गई. फर्जी निकले ये सभी शिक्षक पंचायत और प्रखंड नियोजन समिति की तरफ से बहाल किए गए थे. 

इनकी सेवा समाप्ति की कार्रवाई नियोजन समिति को ही पूरी करनी है. 

1. स्वाति प्रिया - पीएस रीगा बांका
2. अमित कुमार - यूएमएस पैदापुर
3. अविनाश कुमार - एनपीएस चंदननगर, बांका
4. चंदा कुमार - पीएस महादेवपुर
5. दीपक कुमार - यूएमएस खजूरकोरामा, रजौन
6. कंचन कुमारी - वृंदावन विद्यालय, रजौन
7. मंजीत कुमार - यूएमएस दोमुहान, बांका
8. मीनाक्षी कुमारी - एनपीएस घोषपुर रामटोला
9. मुकेश कुमार सहनी - बुनियादी विद्यालय भतकुंडी, बांका
10. नीलम कुमारी - एनपीएस कारीकादो
11. नेहा कुमारी - एनपीएस मड़पा रजौन
12. नीतेश कुमार - एनपीएस उष्टीगोड़ा, फुल्लीडुमर
13. पायल सिंह - यूएमएस लकड़ीकोला, बांका
14. प्रज्ञा पाठक - पीएस सिमराटांड़, चांदन15. सिम्पी कुमारी - एनपीएस बलुआ यादव टोला
16. सुमन कुमारी - एनपीएस सिझुआ, अमरपुर

इस संबंध में बांका डीपीओ स्थापना संजय कुमार यादव ने बताया कि सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरने के क्रम में जिले में कुछ शिक्षक फर्जी मिले थे. अंतिम जांच के बाद 16 शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश मिला है. इस आधार पर उनकी सेवा समाप्ति के लिए नियोजन समिति को खत लिखा गया है. इन शिक्षकों की सेवा विद्यालय में किसी भी परिस्थिति में नहीं ली जानी है.


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