उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारें में विवाद प्रारंभ हो गया.
विपक्ष के तमाम नेताओं ने इस पर जेडीयू को घेरा.इस पूरे मामले में याचिका दायर करने वाले तमन्ना हाशमी के वकील सूरज कुमार ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने याचिका पर सुनवाई की तारीख 4 दिसंबर तय की है. इस याचिका में इल्जाम लगाया गया है कि ललन ने मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर यह भाषण दिया था.
वकील ने बोला, "हमने अदालत से यह आग्रह किया है कि केंद्रीय मंत्री पर भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाए."गौरतलब है कि जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने हाल ही में मुजफ्फरपुर में पार्टी की एक बैठक को संबोधित किया था. इसमें इस बात पर जोर दिया था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी सामाजिक वर्गों के लिए कार्य किया है, बिना इस बात की परवाह किए कि इससे वोट मिलेंगे या नहीं.
केंद्रीय मंत्री ने मुसलमानों का उदाहरण देते हुए यह भी बोला था कि राज्य में सरकार इस समुदाय के लिए कार्य कर रही है, भले ही वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने वाली उनकी पार्टी को वोट देने से हिचकिचाएं. अब ललन सिंह के बयान के बाद मामला कोर्ट तक पहुंच गया है.