1978 में उनका पहला छठ का एल्बम रिलीज हुआ था.
अब तक और इस अस्पताल (एम्स) तक छठ की यात्रा लगातार चली है. उनकी इच्छा थी कि जहां पिता का अंतिम संस्कार हुआ था वहीं उनका भी किया जाए.अंशुमान सिन्हा ने बोला कि इस पर विचार हो रहा है. उन्होंने बोला कि करीब डेढ़ महीने पहले पिता के देहांत के बाद पटना के गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ था. उसी जगह पर अब मां का अंतिम संस्कार किया जाए तो दोनों को आत्मा की शांति मिलेगी. इसलिए पटना ही विचार किया गया है. गुलबी घाट का ही प्रयास रहेगा. बता दें कि लोक गायिका शारदा सिन्हा के चाहने वाले बहुत लोग हैं. आज बुधवार को दिल्ली से पार्थिव शरीर पटना आएगा तो अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. ऐसे में आज यानी बुधवार को अंतिम संस्कार नहीं होगा. फैसला लिया गया है कि कल यानी गुरुवार (07 नवंबर) को अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस बीच जो भी उनके रिश्तेदार हैं या अन्य चाहने वाले लोग हैं वे अंतिम दर्शन कर सकेंगे.