नाम नहीं छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया कि पार्टी में कई ऐसे लोग हैं जो 2025 में चुनाव लड़ने के मूड में हैं.
लोकसभा चुनाव में भी उन लोगों ने तैयारी की थी लेकिन टिकट नहीं मिला. अब विधानसभा में भी टिकट नहीं मिलता है तो निश्चित तौर पर पार्टी में टूट हो सकती है.बता दें कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी लोकसभा चुनाव में खगड़िया से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. अब वे गोविंदगंज सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं. हालांकि इस पर खुले तौर पर किसी ने कुछ नहीं बोला है. अभी इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. अगर यह सीट एलजेपी रामविलास के खाते में नहीं आती है तो वह निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि राजू तिवारी अभी से ही उस सीट पर तैयारी कर रहे हैं. इस सीट से पहले भी वह विधायक रह चुके हैं.
दूसरी तरफ पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान की भी यही स्थिति है. इस बार (2024) वे समस्तीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को टिकट दे दिया गया था. उस समय भी संजय पासवान सहित पार्टी के कई नेताओं में नाराजगी दिखाई थी, लेकिन मामला ठंडा हो गया. अब संजय पासवान जमुई विधानसभा सीट से टिकट लेना चाहते हैं. राजू तिवारी और संजय पासवान ही नहीं बल्कि एक दर्जन से ज्यादा पार्टी के वरिष्ठ नेता चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. इनमें बरहरा सीट, पटना की दीघा विधानसभा सीट भी है. ऐसे में टिकट काटने पर नाराजगी तो दिखेगी और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव के समय टिकट देने में जो हुआ था अगर वही कार्य विधानसभा चुनाव में किया गया तो कई दिग्गज नेता पार्टी को टाटा कर सकते हैं.