बिहार के सुपौल (Supaul) में मुखिया और 14 वार्ड सदस्यों ने एक साथ त्यागपत्र दे दिया. मामला मरौना प्रखंड की गनौरा पंचायत का है. पंचायत के मुखिया जितेंद्र कुमार और सभी 14 वार्ड सदस्यों ने मंगलवार (17 दिसंबर) को पंचायती राज पदाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) को अपना त्यागपत्र सौंप दिया. इस तरह एक साथ त्यागपत्र देने के पीछे का कारण भी बताया गया है.मुखिया जितेंद्र कुमार ने बताया कि पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक और कनीय अभियंता जैसे पंचायत स्तरीय कर्मी विकास कामों के लिए रिश्वत मांगते हैं. इनके असहयोग के कारण पंचायत में विकास कार्य ठप है. जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.मुखिया जितेंद्र कुमार के साथ त्यागपत्र देने वालों में उप मुखिया बेचनी देवी, वार्ड सदस्य माला देवी, पूनम देवी, शोभा देवी, सुचिता देवी, रामप्रवेश महतो, पिंकी देवी, अभय कुमार यादव, वीणा देवी, मदन कुमार मंडल, सुरेंद्र सदा, विकास आनंद, विनोद कुमार यादव और ललिता देवी सम्मिलित हैं. इनमें से करीब सबकी एक ही समस्या है. लगभग लोगों का कहना है कि उनके पास जनता की समस्याएं सुनने और उन्हें हल करने का अधिकार है, लेकिन पंचायत कर्मियों का सहयोग नहीं मिलता है.
इसके चलते समस्या का निष्पादन नहीं हो पाता है.
इस मामले में मरौना प्रखंड विकास पदाधिकारी रचना भारतीय ने बताया कि मुखिया की तरफ से व्हाट्सएप पर त्याग पत्र भेजने की खबर मिली है. समस्या के समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों से वार्ता की जा रही है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही पंचायत की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. उधर दूसरी तरफ इस तरह से सामूहिक त्यागपत्र के बाद पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में खलबली तेज हो गई है.