बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बार-बार ये पूछते हैं कि 2005 के पहले क्या होता था? पिछले दिनों भी उन्होंने यही प्रश्न किया. इस पर लालू प्रसाद यादव की लाडली बेटी रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) ने एक्स पर पोस्ट कर बता दिया कि 2005 से पहले क्या-क्या नहीं होता था. उन्होंने एक लंबी पोस्ट कर नीतीश कुमार की सरकार में हुए तमाम भ्रष्टाचार के आरोपों और मुद्दों को उठाया है. उनके इस पोस्ट पर अब सियासत भी गर्म हो गई है. बीजेपी ने भी सीधे तौर पर इस बयान को लेकर निशाना साधा है. दरअसल रोहिणी ने पोस्ट कर लिखा है, "२००५ के पहले ये होता था... २००५ के पहले वो होता था... २००५ के पहले क्या होता था... ऐसा निरंतर बोलना ही बोलने वाले की मंशा, कुंठा , पूर्वाग्रह और मानसिक दिवालिएपन को दर्शाता है, सत्यापित- प्रमाणित पल्टीबाज, मौकापरस्ती, धोखेबाजी, आत्म-मुग्धता, नैतिक खोखलेपन की सबसे मुफीद मिसाल को आईने में अपना बदरंग-स्याह चेहरा दिखता नहीं है और घिसे रिकॉर्ड-प्लयेर की तरह सुई २००५ से पहले पर ही अटकी रहती है".उन्होंने ये भी लिखा कि बिना पेंदी, बिना जनाधार वाले से पूछा जाना चाहिए कि क्या 2005 के पहले बिहार में मुजफ्फरपुर महापाप जैसा घृणित कुकृत्य हुआ था .. जी?, क्या देश का सबसे बड़ा ट्रेजरी घोटाला सृजन हुआ था जी?, क्या बुडको में 1300 करोड़ का घोटाला हुआ था जी?, क्या मुख्यमंत्री पर कत्ल का मुक़दमा चला था जी?, क्या सत्ता के संरक्षण में जहरीली अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से होता था जी? हरेक महीने जहरीली शराब से दर्जनों मृत्यु होती थींं. ऐसे कई अनगिनत प्रश्न लालू यादव की बेटी ने किए हैं.
जो नीतीश सरकार में हुए हैं.
रोहिणी आचार्य के इस प्रश्न पर बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने बोला कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पुत्री रोहिणी आचार्य के कथन पर तरस आना स्वाभाविक है. 2005 के पहले क्या होता था इसको रोहिणी कम, लेकिन बिहार की जनता ज्यादा अच्छी तरह से जानती है. उसे याद करके आज भी लोग कांप उठते हैं, सिहर उठते हैं. प्रभाकर मिश्रा ने पूछा कि रोहिणी 2005 के पहले आपकी उम्र ही किया थी जो आपके माता-पिता के शासनकाल में हुए कांडों को जानती हैं. अपना ज्ञानवर्धन करिए और सलाहकारों से खबर लीजिए तब इस तरह का बयान जारी कीजिए.उन्होंने बोला कि आपका पूरा परिवार तो उपहास का पात्र बना हुआ ही है आप भी उसी श्रेणी में आ जाईएगा. 2005 के पहले आपकी पार्टी के राजपाट में क्या-क्या होता था उस पर तो किताब भी लिखी जा चुकी है, जानकारी करनी हो तो मंगवा लीजिए. बीजेपी कार्यालय में मिल जाएगी. 2005 के बाद की सरकार को जनता ने दिल से समर्थन किया है और आगे भी करेगी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन है और पूरे राज्य में अमन चैन है. इसमें खलल डालने वाला या व्यवधान पैदा करने वाला की जगह जेल में है. बता दे कि इसलिए आप नीतीश कुमार और एनडीए की डबल इंजन की सरकार के सफल राजपाट को देखकर क्रोधित नहीं हों.