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गया में 36 साइबर फ्रॉड गिरफ्तार, इसमें लड़कियां भी सम्मिलित, ठगी का तरीका जान सब हैरान


संवाद 


बिहार में इन दिनों लोगों के साथ ना सिर्फ साइबर ठगी हो रही है बल्कि बड़े पैमाने पर यहां धंधा भी फल-फूल रहा है. बिहार में ही साइबर ठगी का कॉल सेंटर तक चल रहा है. बिहार के नवादा जिले से कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. बता दे कि अब गया से साइबर ठगी और उसका कॉल सेंटर चलाए जाने को लेकर चकित कर देने वाला मामला सामने आया है. तरीका भी हैरान करने वाला है. बीते रविवार (01 दिसंबर) को इस मामले में गया से 36 युवक-युवतियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया.दरअसल, गया शहर के बीच में मिर्जा गालिब कॉलेज के पास एक तीन मंजिला मकान में साइबर थाने की पुलिस की टीम ने रविवार को छापेमारी की. छापेमारी के क्रम में पुलिस के होश उड़ गए. साइबर डीएसपी साक्षी राय ने बताया कि एसएसपी आशीष भारती के आदेश पर 'पेनोल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी के कॉल सेंटर में छापेमारी की गई. 

इस क्रम में कई रैंडम नंबर मिले हैं.

 उधर ठगी का तरीका जान हर कोई हैरान है. साइबर डीएसपी ने बताया कि कॉल सेंटर के माध्यम से ये लोग ग्राहकों को पैसा ट्रांसफर, लोन फैसिलिटी, लोन इंश्योरेंस सहित कई सुविधाओं के बारे में बताकर अपना ऐप इंस्टॉल करवाते थे. इसके बदले में वो पेमेंट आईडी देते थे. पेमेंट आईडी के माध्यम से ग्राहकों का पैसा कंपनी के अकाउंट में आता था. इसके बाद ग्राहकों को दी जाने वाली सुविधाएं बंद कर दी जाती थीं. इस तरह की करीब 37 शिकायतें साइबर पोर्टल पर दर्ज पूर्व में कराई जा चुकी हैं.इस मामले में कंपनी के सीईओ निशांत कुमार और मोहित कुमार एवं मैनेजर शिष्या वर्धन सहित कुल 36 युवक-युवतियों को एक साथ गिरफ्तार किया गया. इनको कहा है कि ये लोग पिछले तीन वर्षों से साइबर फ्रॉड का कार्य कर रहे थे. करोड़ों रुपये की ठगी का खुलासा भी हुआ है. मौके से तीन लैपटॉप, 33 मोबाइल और 33 सिम कार्ड को बरामद किया गया है.वहीं गिरफ्तारी के बाद उनके परिजनों की भीड़ लग गई. वे लोग इसका विरोध करने लगे. उन्हें हटाने के लिए और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को बल उपयोग करना पड़ा. मामूली लाठीचार्ज भी करना पड़ा.


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