पटना. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एक्टिव हैं और संगठन के स्तर पर प्रदेश आरजेडी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कवायद भी शुरू हो गई है. इसके साथ ही कुछ टारगेट भी तय किए गए हैं, जिससे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एक मजबूत टक्कर देने की बुनियाद तैयार की जा सके. नीतीश कुमार की सरकार को मात देने के लिए राजद ने मास्टरप्लान भी बना लिया है और इसे अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को टारगेट भी दिया है.
*इसका मकसद एक ओर जहां संगठन को मजबूत करना है, वहीं राजद के कोष में चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त धन इकट्ठा करना भी है.* वहीं कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करने के लिए भी यह कवायद की जा रही है और इसका मेगा प्लान जमीन पर उतारा जा चुका है.
*दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल ने बीते 19 सितंबर 2024 से सदस्यता अभियान शुरू किया है और पार्टी ने एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है.* सदस्यता अभियान की शुरुआत के दिन से ही तेजस्वी यादवने घोषणा की थी कि राजद ने एक करोड़ सदस्यों के सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है और यह अभियान लगातार चलता रहेगा. खास बात यह कि समाज के सभी वर्गों के लोग राजद से जोड़ने की नीति पर आरजेडी चल रही है. इसके साथ ही बूथ स्तर पर राष्ट्रीय जनता दल कैसे संगठित हो और कैसे आक्रामक होकर विरोधी दलों को परास्त करने की नीति पर आगे बढ़े, इसके लिए लगातार काम किया जा रहा है. राजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं को टास्क देने दिया गया है. वहीं, विधायकों, विधान पार्षदों पूर्व विधायकों व पार्षदों, हारे हुए प्रत्याशियों को भी लक्ष्य लेकर काम करने के लिए कहा गया है.
*इस मेगाप्लान से नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव देंगे मात!*
राजद के सूत्रों के अनुसार, हर बूथ पर काम से कम 62 लोगों को राजद की सदस्यता दिलाने के लिए कहा गया है. पार्टी का मानना है कि अगर प्रदेश में सभी बूथों पर कम से कम 62 मेंबर हो गए तब उन्हें सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता. तेजस्वी यादवऔर राजद के वरिष्ठ नेताओं ने कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि इस लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना है. जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक सदस्य बनाए जाएं जिससे कि पार्टी संगठन के स्तर पर मजबूत होगी. वहीं, राजद की मेंबरशिप लेने के लिए मात्र 10 रुपये की रसीद लेनी पड़ेगी. इस 10 रुपये से राजद का सदस्य बनते हुए राजद के कोष में भी का पर्याप्त धन इकट्ठा हो जाएगा. खास बात यह है कि प्रति बूथ 62 लोगों को सदस्य बनाना है और ऐसे में हर बूथ पर 620 रुपए निकाल कर आएंगे.
*बूथों की संख्या का हिसाब-किताब लगाइये तो मिलेगा करोड़ों का फंड*
बता दें कि बिहार में कुल मतदान केंद्रों की संख्या वर्ष 2015 में 65, 367 थी. लेकिन, वर्ष 2020 के कोरोना संकट काल में हुए चुनाव में यह संख्या बढ़कर 1 लाख 6 हजार 526 हो गई थी. वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 में बूथों की संख्या 77, 462 थी. लोकसभा चुनाव 2024 में बूथों की संख्या के हिसाब से भी अगर देखा जाए तो प्रति बूथ 62 सदस्य के हिसाब से 48 लाख 26 44 लोग मेंबर बनेंगे. इसको सदस्यता शुल्क के हिसाब से बात करें तो 48 लाख 2644 सदस्य बनने पर पार्टी के कोष में 4 करोड़ 80 लाख 26 हजार 440 रुपए पार्टी के खजाने में जमा होंगे.
*राजद का संगठन और कोष, दोनों होगा जाएगा मजबूत*
खास बात यह है कि सामान्य सदस्य बनने पर पार्टी की आमदनी इतनी होगी, लेकिन अगर आप सक्रिय सदस्य बनते हैं तो इसकी इसका शुल्क अधिक है. यह पार्टी के कोष को और भी मजबूती प्रदान करेगा. अब जिस प्रकार से लालू प्रसाद यादव एक्टिव हैं और तेजस्वी यादव बिहार के दौरे पर हैं, दूसरी ओर पार्टी को संगठन के स्तर से लेकर धन के मामले में भी शक्तिशाली बनाने का प्रयास जारी है तो निश्चित तौर पर इसे आरजेडी का मास्टरप्लान कहा जा सकता है कि वह को मात देने में कामयाब हो पाएं. हालांकि, दूसरी ओर एनडीए ने भी अपनी ताकत झोंक रखी है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रगति यात्रा के साथ ही चुनावी अभियान का विधिवत आगाज करने जा रहे हैं.