भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आज 92 साल की उम्र में निधन हो गया. इस मौके पर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजली दे रहा है. मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 देश के प्रधानमंत्री रहे. इस दौरान उनके कई फैसलों को लकेर सवाल भी उठते रहे. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का बिहार से गहरा नाता रहा था. अंतिम रूप से वे 2008 में कुसहा बांध टूटने के दौरान आयी बिहार की भयंकर बाढ़ की त्रासदी देखने वे खुद बिहार आये थे. उन्होंने बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था. पूर्णिया एयरपोर्ट पर उन्होंने बाढ़ की विभीषिका स्वीकारते हुए तत्काल एक हजार करोड़ की सहायता देने का ऐलान किया था. इसके साथ ही सवा लाख टन अनाज भी बाढ़ पीड़ितों को देने की बात कही थी. इसके पहले डॉ मनमोहन सिंह जुलाई, 2007 में भी बिहार आये हुए थे. उस समय बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार बन चुकी थी.पटना में नेशनल डेवेलपमेंट काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने बैठक की अध्यक्षता की थी. जानकार बताते हैं कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के रूप में 27 जुलाई, 2004 को भी पटना आये थे. बिहार को जब विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग जोर पकड़ी तो प्रधानमंत्री के रूप में डॉ मनमोहन सिंह ने रघुराम राजन की अध्यक्षता में बिहार की मांग पर गौर करने के लिए विशेष कमेटी गठित की थी. जानकार बताते हैं कि डॉ मनमोहन सिंह की पहल से ही पटना में डालफिन रिसर्च सेंटर बन पाया था.