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बिहार में बदल गया जमीन दाखिल-खारिज का तरीका, अब रजिस्ट्री के समय ही करना होगा ये काम

संवाद

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने जमीन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब आपको जमीन रजिस्ट्री के बाद अलग से दाखिल-खारिज के लिए आवेदन नहीं करना होगा। राजस्व और भूमि सुधार मंत्रालय ने 'सुओ-मोटो दाखिल-खारिज' नाम से यह नया नियम लागू किया है। इस नए नियम के तहत जब आप जमीन रजिस्ट्री कराएंगे, उसी समय दाखिल-खारिज के लिए भी आवेदन चला जाएगा। आपको अलग से कोई फॉर्म नहीं भरना होगा। रजिस्ट्री के समय ही आपकी जानकारी अंचल कार्यालय को भेज दी जाएगी। इससे आपको दोबारा सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और समय की भी बचत होगी।दरअसल, पहले जमीन खरीदने के बाद रजिस्ट्री कराने के बाद भी आपको दाखिल-खारिज के लिए अलग से आवेदन करना पड़ता था, जिसे म्यूटेशन कहा जाता था। यह प्रक्रिया काफी समय लेने वाली और थकाऊ होती थी। लेकिन अब 'सुओ-मोटो दाखिल-खारिज' के नियम ने इसे बेहद आसान बना दिया है। नए नियम के अनुसार, जमीन रजिस्ट्री के समय ही दाखिल-खारिज का अनुरोध अपने आप अंचल कार्यालय को चला जाता है। इससे दाखिल-खारिज की प्रक्रिया अपने आप शुरू हो जाती है।इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने भी इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया है। अगर जमीन की जमाबंदी के 15 दिनों के भीतर कोई शिकायत मिलती है, तो वित्त मंत्रालय मामले की जांच करेगा और उसका निपटारा करेगा। इसके साथ ही पंजीकरण विभाग और कर विभाग की वेबसाइट को भी जोड़ा गया है। इससे जमीन की रजिस्ट्री से जुड़ी सारी जानकारी कर विभाग को मिल जाती है। इसलिए अब दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। माना जा रहा है कि नए नियम से ना सिर्फ लोगों का समय और पैसा बचेगा बल्कि सरकारी कामकाज को भी पारदर्शी और तेज बनाएगा।

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