सिर और हाथ का कुछ हिस्सा छोड़कर बॉडी का बाकी हिस्सा जल हुआ था.
इस घटना की जानकारी खुद मृतक के बेटे ने पुलिस को दी थी. जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने घटना को लेकर पुत्री से पूछताछ की तो उसने अज्ञात बदमाशों पर वारदात को अंजाम देने की बात बताई थी. मगर पुलिस को बेटी के बयान पर शक था. बेटी से पूछताछ के बाद पुलिस मामला दर्ज कर टेक्निकल एविडेंस के आधार पर जांच में जुटी थी. मृतकों की पहचान दोगी गांव निवासी विजय प्रसाद और उनकी पत्नी कांति देवी के रूप में हुई. जांच के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ कि पति-पत्नी की कत्ल का आरोपी उसक बेटा ही है. आरोपी बिपिन कुमार मां-बाप का इकलौता बेटा है. मां-बाप का हत्यारा पुत्र विपिन कुमार मेडिकल यानी बी. फार्मा का छात्र है. मगर इसे मोबाइल गेम और जुआ खेलने का बड़ा चस्का था.
वह इस खेल के लिए निरंतर अपने माता-पिता से पैसे की मांग करता था. मगर माता पिता नहीं देते थे और इस खेल से दूर रहने की बात किया करते थे. राजगीर डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि 18 नवंबर की सुबह अपने माता-पिता की कत्ल घर में ही करने के बाद विपिन ने लाशों को जला दिया था. आरोपी ने सख्ती से पूछताछ के बाद अपना गुनाह कबूल कर लिया. हत्या करने के उद्देश्य यह था कि बिपिन जुआ-सट्टा में लाखों रुपए हार गया था. विपिन अपने माता-पिता से पढ़ाई के नाम पर पैसे मांगता था और जुआ-सट्टा में हार जाता था. विपिन की इस हरकत से माता-पिता हमेशा विरोध करते थे. इसके बावजूद दोषी ग्रामीणों से करीब तीन लाख रुपए उधार लिए और जुए में हार गया. माता-पिता से पैसा मांगता था जिसको लेकर हमेशा लड़ाई होती थी. पैसा न मिलने से नाराज बिपिन ने अपने मां-बाप की पहले कत्ल की और फिर दोनों के शव को जला दिया.