अपराध के खबरें

गुजरात में निर्भयाकांड.. दरिंदे ने मासूम बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स में डाल दी लोहे की रॉड, दवा बेअसर!*

संवाद 


गुजरात में 10 साल की मासूम बच्ची के साथ निर्भयाकांड से भी भयंकर कांड हुआ है. 10 साल की बच्ची से हैवानियत हुई है. दरिंदे ने एक मासूम लड़की के साथ ऐसा किया है जो कोई दुश्मन भी ऐसा करने की न सोचे.

भरूच की झगडिया जीआईडीसी में आरोपी ने बच्ची के साथ अपनी हवस मिटाने के लिए सारी हदें पार कर दी. अस्पताल में मृत्यु शय्या पर पड़ी 10 साल की मासूम बच्ची की हालत देखकर आपकी रूह कांप जायेगी. भरूच रेप केस गुजरात का निर्भया कांड बन गया है. अस्पताल में 10 साल की बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है. ये मासूम कई यातनाओं से गुजर रही है. उसकी हालत देखकर ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों के भी हाथ कांपने लगे थे.

 *करनी पड़ी दूसरी सर्जरी* 

अब एक नई जानकारी सामने आई है कि लड़की के पेट की सर्जरी में एक टांका खुलने के बाद संक्रमण फैलने के कारण लड़की की दूसरी सर्जरी करानी पड़ी है. फिलहाल इसे ठीक करने में दवाएं भी बेअसर साबित हो रही हैं. फिलहाल बच्ची 10 विशेष डॉक्टरों की निगरानी में है. झारखंड की बच्ची होने के कारण झारखंड सरकार भी एक्टिव है. विजय पासवान नामक व्यक्ति ने मासूम बच्ची का रेप किया और उसके प्राइवेट पार्ट्स में लोहे की रॉड डाल दी थी.

 10 साल की बच्ची से एक माह में दो बार रेप

आरोपी ने 10 साल की बच्ची के साथ एक महीने में दो बार बलात्कार किया. यह एक राक्षसी कृत्य था जिसकी गूंज गुजरात सहित पूरे देश में अब गूंज रही है. लड़की की हालत बिगड़ने पर उसे बड़ौदा ले जाया गया जहां 10 डॉक्टरों की एक टीम उसका इलाज कर रही है. भरूच पुलिस ने आरोपी को साथ लेकर क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट किया था. उसके चलने के तरीके से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस ने उससे कैसे निपटा होगा. उसने वे सभी स्थान दिखाये जहां वह आदमी जानवर बन गया था... बच्ची के साथ हैवानियत की गई है, उसके गुप्तांग पर गंभीर चोटे है. 

 क्या कहा पुलिस ने..

पुलिस ने बताया कि बच्ची के पिता और आरोपी एक-दूसरे को जानते हैं क्योंकि वे एक ही फैक्ट्री में काम करते हैं. पासवान शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं. पुलिस ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत आरोप दर्ज किए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने कुछ संदिग्धों से पूछताछ की और अंततः आरोपी तक पहुंच गई, जिसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. भरूच जिले के झगड़िया जीआईडीसी में यह घटना 16 दिसंबर को हुई थी.

 *मां क्यों रह गई चुप* 

इस घटना की सबसे बड़े आरोपी बच्ची की मां है. एक माह पहले आरोपी ने बच्ची के साथ छेड़छाड़ की थी, जिसकी शिकायत बच्ची ने अपने मां से की थी. लेकिन मां ने प्रतिशोध के डर से कोई कदम नहीं उठाया, इससे आरोपी का हौसला बढ़ गया और उसने दूसरी बार भी यही हरकत की. अगर पीड़ित बच्ची के मां-बाप चुप न रहते तो बच्ची आज उनके आंगन में मुस्कुराती हुई खेल रही होती.

 गुजरात में 5 साल के अंदर 40 हजार से ज्यादा महिलाएं लापता, NCRB के आंकड़ों से खुलासा
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, साल 2016 में 7,105, साल 2017 में 7,712, साल 2018 में 9,246 और साल 2019 में 9,268 महिलाएं लापता हुईं। वहीं साल 2020 में 8,290 महिलाओं के

गुजरात में 5 साल के अंदर 40 हजार से ज्यादा महिलाएं लापता, NCRB के आंकड़ों से खुलासा
गुजरात से एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो गुजरात में पांच साल के दौरान 40,000 से अधिक महिलाएं लापता हो गईं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2016 में 7,105, साल 2017 में 7,712, साल 2018 में 9,246 और साल 2019 में 9,268 महिलाएं लापता हुईं। वहीं साल 2020 में 8,290 महिलाओं के लापता होने की सूचना मिली थी। पांच सालों में इनकी कुल संख्या 41,621 तक पहुंच गई है।

राज्य की भाजपा सरकार द्वारा 2021 में गुजरात विधानसभा में दिए गए एक बयान के अनुसार, अहमदाबाद और वडोदरा में केवल एक वर्ष (2019-20) में 4,722 महिलाएं लापता हो गई थीं। बता दें कि, गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के चलते यह खबर काफी बड़ी मानी जा रही है, जहां बीते 25 साल से भाजपा की सरकार का शासन है।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व आईपीएस अधिकारी और गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य सुधीर सिन्हा ने कहा, "मिसिंग के कुछ मामलों में मैंने देखा है कि लड़कियों और महिलाओं को कभी-कभी गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भेजा जाता है और वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है।"

उन्होंने कहा, "पुलिस सिस्टम की समस्या यह है कि वह गुमशुदगी के मामलों को गंभीरता से नहीं लेती है। ऐसे मामले हत्या से भी गंभीर होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई बच्चा गुम हो जाता है, तो माता-पिता अपने बच्चे के लिए सालों तक इंतजार करते हैं, और गुमशुदगी के मामले की जांच हत्या के मामले की तरह ही सख्ती से की जानी चाहिए।”

सिन्हा ने कहा, "अक्सर पुलिस द्वारा लापता लोगों के मामलों की अनदेखी की जाती है क्योंकि उनकी जांच ब्रिटिश काल के तरीके से की जाती है।"

पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. राजन प्रियदर्शी ने कहा कि लड़कियों के लापता होने के लिए मानव तस्करी जिम्मेदार है। "मेरे कार्यकाल के दौरान, मैंने देखा कि अधिकांश लापता महिलाओं को अवैध मानव तस्करी में लगे गिरोहों द्वारा उठाया जाता है जो उन्हें दूसरे राज्य में ले जाते हैं और उन्हें बेचते हैं।"

डॉ. राजन प्रियदर्शी ने कहा, ''जब मैं खेड़ा जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) था, तो उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने जो जिले में एक मजदूर के रूप में काम कर रहा था, एक गरीब लड़की को उठाया और उसे अपने मूल राज्य में ले जाकर बेच दिया, जहां उसे खेतों में मजदूरी के काम पर लगाया गया था। हम उसे छुड़ाने में कामयाब रहे, लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं होता है।''

गुजरात कांग्रेस के एक प्रवक्ता हिरेन बैंकर ने कहा, "बीजेपी के नेता केरल में महिलाओं के बारे में बात करते हैं, लेकिन देश के पीएम और गृहमंत्री के गृह राज्य गुजरात में 40,000 से अधिक महिलाएं गायब हैं।"

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