लड़ाई को लंबा लड़ने से ही जीता जाता है.
आज जो हुआ यह लड़ाई को छोटा करना था. प्रशांत किशोर का बगैर नाम लेते हुए बोला कि 13 दिन के बाद आकर हमदर्दी दिखाई, ऐसे घटिया आदमी को तो हम लोग... ऐसा कहते हुए वे चुप हो गए.पप्पू यादव ने आगे बोला, "वो (प्रशांत किशोर) सिर्फ सियासत करता है. वह कोई स्टूडेंट है? क्यों बैठा हुआ था? कभी इसे बुला लो, कभी उसे बुला लो, कहीं वह बड़ा ना हो जाए कहीं हम छोटे ना हो जाएं, यह कैसी सियासत हो रही है?" मीडियाकर्मियों ने जब प्रशांत किशोर का नाम लेते हुए पप्पू यादव से प्रश्न किया तो वे गुस्सा गए, उन्होंने बोला कि क्यों बार-बार नाम लेते हैं? आप लोगों ने उसको हीरो बना दिया है.प्रशांत किशोर पर आंदोलन को समाप्त करने का इल्जाम लगाते हुए पप्पू यादव ने बोला कि ये कुंभकरण हैं जिन्होंने चार बजे जाकर आंदोलन को समाप्त करने का कार्य किया. उन्होंने सरकार और प्रशासन से मिलकर यह कार्य किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए निर्दलीय सांसद ने बोला कि सीएम तो पहले आइसोलेट हो गए हैं. बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. मुख्यमंत्री तो बिहार में है नहीं, यहां अफसरशाही और गुंडाराज हो गया है. जिस तरीके से एक बहरूपिया (प्रशांत किशोर) ने इस आंदोलन को समाप्त करने की कोशिश की है उसे कभी माफी नहीं मिलेगी.