आज कोई भी राशन लेने वाला उपभोक्ता कहीं भी रहता है उसे वहां राशन मिल जाता है.
राशन कार्ड वहीं होता है लेकिन किसी भी जगह उसे राशन मिलने में कोई परेशानी नहीं होती. अब केंद्र सरकार वन नेशन वन इलेक्शन लेकर आई. जिसपर सभी को विचार करना चाहिए.संजय जायसवाल ने बोला कि हमारे संविधान निर्माता ने जो संविधान बनाया था उसके बाद लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे. लेकिन इंदिरा गांधी ने घमंड के वजह से सभी राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगना शुरू किया गया और वन नेशन वन इलेक्शन देश से समाप्त हो गया. इलेक्शन कमीशन का भी 2015 में रिकमेंडेशन आया था कि वन नेशन वन इलेक्शन होना चाहिए.अब केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय स्थापित होना चाहिए. ताकि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाए जा सके. इससे देश की बहुत बड़ी राशि बचेगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का रिकॉग्निजेशन है कि 2034 से इसे लागू किया जाना चाहिए. इसपर सभी दलों को विचार करना चाहिए.