उनका जाना एक व्यक्तिगत क्षति है.
उनका प्रचुर स्नेह मुझे मिलता रहा. ऐसे विनम्र विशाल व्यक्ति के साथ कार्य करना मेरा सौभाग्य था."
लालू ने आगे बोला, "2004 से 2014 के बीच उन्होंने बिहार और भारत को बेहतरीन एवं फलदायक वर्ष अथवा यूं कहे कि स्वर्णिम दशक दिया. यूपीए गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी राजद के नेता तथा कैबिनेट सहयोगी रेल मंत्री के रूप में हमारी सकारात्मक पहल एवं आग्रह पर उन्होंने 2004 से 2009 के बीच बिहार को विकास कामों के लिए एक लाख 44 हजार करोड़ की धनराशि एवं परियोजनाएं दी. कोसी विभीषिका के समय हमारे निवेदन पर तुरंत बिहार चले आए तथा हजारों करोड़ की आर्थिक सहायता, राहत सामग्री एवं राशि प्रदान की.शोक संवेदना व्यक्ति करते हुए लालू ने अंत में लिखा, "उनके स्वर्गवास उपरांत 2004 से 2014 के स्वर्णिम दशक में उनकी छाप व उनकी कामयाबी एक रिकॉर्ड के रूप में स्वतः ही इतिहास में और अधिक जोर-शोर से प्रचारित होगी. उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करेगी. इस कठिन वक्त शमें उनके परिवार, प्रियजनों व प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक शोक संवेदना. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें."