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'उपराष्ट्रपति सच नहीं तो क्या झूठ कहेंगे' ? अब्दुल बारी सिद्दकी ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा


संवाद 


आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दकी (Abdul Bari Siddiqui) ने बुधवार को एबीपी न्यूज से बातचीत की. उन्होंने जगदीप धनखड़ के वर्णन का समर्थन करते हुए बोला कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सच नहीं तो क्या झूठ बोलेंगे? उन्होंने किसानों के मुद्दे पर सच बोलकर केंद्र सरकार को आईना दिखाने का कार्य किया है. संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति प्रश्न उठा रहे हैं. केंद्र सरकार को उनकी बातों को गंभीरता से लेनी चाहिए.अब्दुल बारी सिद्दकी ने बोला कि देश में सबसे खराब स्थिति किसानों की है. किसान जो लागत लगा रहा है. उसका मूल्य वापस नहीं हो पा रहा है. किसानों को फसल की लागत नहीं मिल रही है. केंद्र सरकार ने किसानों की कोई भी योजनाएं जमीन पर नहीं उतारी हैं. दरअसल देश में किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ रहा है. ऐसे में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे पर सीधे तौर से केंद्र सरकार को घेरा है.मंगलवार को मुंबई में ICAR-CIRCOT के शताब्दी समारोह में बोलते हुए उन्होंने केंद्र सरकार की कृषि नीति पर उंगली उठाई है.

 केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी वहां उपस्थित थे.

 उपराष्ट्रपति ने पूछा की कृपया मुझे बताएं कि किसान से क्या वादा किया गया था? वादा पूरा क्यों नहीं हुआ? उपराष्ट्रपति ने बोला कि वादा पूरा करने के लिए हमें क्या करना चाहिए? पिछले वर्ष भी विरोध हुआ था, इस वर्ष भी विरोध हो रहा है. समय का पहिया घूम रहा है. लेकिन हम कुछ नहीं करते. 
वहीं अब्दुल बारी सिद्दकी तेजस्वी के तीसरे चरण के कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद प्रोग्राम पर बोले कि तेजस्वी को राजनीति विरासत में मिली है. उन्होंने अपने पिता से सीखा है कि जनता से कैसे कनेक्ट होना है. इस यात्रा में कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं. उनकी समस्याओं को समझ रहे हैं. संगठन की मजबूती पर बातचीत हो रही है. कार्यकर्ता में भी जोश आता है. अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बन रही है. आज तीसरे चरण में तेजस्वी मुंगेर में हैं. आज से तीसरे चरण की शुरुआत हुई है. सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा आक्रमण, अमृतसर में गोल्डन टेंपल के गेट फायरिंग पर हुई, वो बाल-बाल बचे. इस पर उन्होंने बोला कि अमूमन अपराधी किसी को टारगेट करता है तो उसमें वह कामयाब हो जाता है. यह तो सौभाग्य है कि सुखबीर बादल बच गए, लेकिन अपराधियों में अगर प्रशासन का डर समाप्त हो जाए तो समझिये सरकार की साख समाप्त है. 

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